ट्रंप-पुतिन की बातचीत की खबर से पूरी दुनिया हैरान.. लेकिन रूस ने ये क्या कह दिया!
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ट्रंप-पुतिन की बातचीत की खबर से पूरी दुनिया हैरान.. लेकिन रूस ने ये क्या कह दिया!

Kremlin Denies Trump Putin Call: डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव जीतते ही अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मच गई है. अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन-रूस युद्ध पर बातचीत की.

ट्रंप-पुतिन की बातचीत की खबर से पूरी दुनिया हैरान.. लेकिन रूस ने ये क्या कह दिया!

Kremlin Denies Trump Putin Call: डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव जीतते ही अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मच गई है. अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन-रूस युद्ध पर बातचीत की. लेकिन रूस ने इन दावों का खंडन करते हुए इसे पूरी तरह गलत बताया है. पुतिन के प्रवक्ता का कहना है कि ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई और यह जानकारी पूरी तरह फर्जी है.

क्रेमलिन का खंडन

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने अमेरिकी मीडिया द्वारा किए गए दावों को पूरी तरह असत्य करार दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि डोनाल्ड ट्रंप और पुतिन के बीच यूक्रेन युद्ध पर कोई बातचीत नहीं हुई है. पेस्कोव ने इस रिपोर्ट को एक काल्पनिक कहानी बताया है.

वाशिंगटन पोस्ट का दावा

वाशिंगटन पोस्ट ने रविवार को दावा किया था कि ट्रंप और पुतिन के बीच पहली बार चुनाव जीतने के बाद बातचीत हुई है. रिपोर्ट में कहा गया था कि ट्रंप ने पुतिन से युद्ध को बढ़ावा न देने का आग्रह किया. हालांकि क्रेमलिन का कहना है कि यह रिपोर्ट झूठी है.

ट्रंप के शांति प्रयास

ट्रंप ने अपनी चुनावी मुहिम में यूक्रेन युद्ध को जल्दी समाप्त करने का वादा किया था. रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने कुछ नेताओं के साथ बातचीत में इस मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त किए हैं. ट्रंप का मानना है कि एक समझौते के माध्यम से शांति बहाल की जा सकती है.

ट्रंप के प्रस्तावों पर विचार

कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रंप की योजना में यूरोपीय और ब्रिटिश सेनाओं द्वारा एक बफर जोन बनाने का प्रस्ताव है. जो रूस और यूक्रेन की सेनाओं को अलग करेगा. इसके अंतर्गत अमेरिका सैन्य योगदान नहीं करेगा और केवल यूरोपीय सेनाओं से इस क्षेत्र में शांति बनाए रखने की उम्मीद होगी.

यूरोपीय सेनाओं पर जोर

ट्रंप की टीम ने यह स्पष्ट किया है कि अमेरिका इस योजना में अपने सैनिक नहीं भेजेगा. ट्रंप के करीबी सूत्रों के अनुसार अमेरिका केवल प्रशिक्षण और सहायता प्रदान कर सकता है. लेकिन युद्धभूमि में शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी यूरोपीय देशों पर रहेगी.

रूस की उम्मीदें

रूस ने ट्रंप के यूक्रेन पर रुख को सकारात्मक संकेत के रूप में देखा है. क्रेमलिन प्रवक्ता पेस्कोव ने कहा कि ट्रंप का समझौतों के माध्यम से शांति का प्रयास रूस के लिए एक सकारात्मक संकेत है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यह देखना मुश्किल है कि ट्रंप पद संभालने के बाद कैसे कदम उठाएंगे.

यूक्रेन के रुख में बदलाव नहीं

जहां ट्रंप और पुतिन के बीच बातचीत की अफवाहें उड़ीं, वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने स्पष्ट कर दिया कि यूक्रेन किसी भी हालत में अपने क्षेत्रों से पीछे नहीं हटेगा. जेलेंस्की ने पुतिन की शर्तों को खारिज कर दिया है.

अमेरिका-रूस संबंधों पर असर

ट्रंप के सत्ता में लौटने की खबर से अमेरिका-रूस संबंधों में नई हलचल है. ट्रंप ने चुनावी दौर में यूक्रेन को दी जाने वाली अमेरिकी सहायता पर सवाल उठाए थे. जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि उनके नेतृत्व में अमेरिका का रुख यूक्रेन युद्ध पर बदल सकता है.

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