पत्नी को था पति से मौत का डर, बच्चा लेकर देश छोड़कर भागी; 4 साल बाद यहां मिली शरण
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पत्नी को था पति से मौत का डर, बच्चा लेकर देश छोड़कर भागी; 4 साल बाद यहां मिली शरण

जूलिया ने कहा, पति ने हमेशा मुझे धमकी दी और मेरे बच्चों के सामने, मुझ पर चाकू से वार किया.

जूलिया ने कहा कि वह 2016 में अपने पांच साल के बेटे जुआन के साथ भागने में सफल रही. .(प्रतीकात्मक तस्वीर)

लॉस एंजेलिस: ग्वाटेमाला की रहने वाली आठ बच्चों की एक मां को घरेलू हिंसा की शिकार महिला के रूप में अमेरिका में शरण दी गई है. ऐसा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रवासियों को दी गई सुरक्षा को कम करने के प्रयासों के बावजूद किया गया है. समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, 34 वर्षीय जूलिया मार्गरीटा टॉमस यह साबित करने में कामयाब रहीं कि अगर वह अपने पति से मिल रही मौत की धमकियों के बाद अपने देश लौटती हैं तो उसका जीवन खतरे में पड़ जाएगा.

जूलिया ने कहा, "उसने मुझसे कहा कि एक दिन मुझे ग्वाटेमाला वापस जाना होगा और फिर मैं देखूंगी कि मेरे साथ क्या होगा." उन्होंने कहा, "उसने हमेशा मुझे धमकी दी और मेरे बच्चों के सामने, मुझ पर चाकू से वार किया."

जूलिया ने कहा कि वह 2016 में अपने पांच साल के बेटे जुआन के साथ भागने में सफल रही. आप्रवासन संरक्षण उनके सात अन्य बच्चों पर भी लागू होता है जो ग्वाटेमाला में बने रहे.

ट्रंप प्रशासन ने घरेलू हिंसा और सामूहिक हिंसा के पीड़ितों को दी गई शरण को प्रतिबंधित करने का प्रयास किया है. 2018 में, तत्कालीन अटॉर्नी जनरल जेफ सेशंस ने एक मामले में हस्तक्षेप किया जब एक आव्रजन न्यायाधीश ने एक सल्वाडोरन को संरक्षण दिया था जो घरेलू हिंसा का शिकार थी.

बोर्ड ऑफ इमिग्रेशन की अपील में कहा गया कि पीड़िता ने सालों तक अत्याचार सहा और शरण पाने की हकदार है, एक ऐसा फैसला जिसने दर्जनों समान याचिकाओं का मार्ग प्रशस्त किया.

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