Tamilnadu Election: कोयंबटूर के जिस मंदिर में सीएम योगी ने की पूजा वह एशिया में क्यों है अनोखा?

तमिलनाडु के कोयंबटूर से 4 किमी की पुलियाकुलम में श्री मुंथी विनायक महागणपति विराजमान हैं. कोयंबटूर में रोड शो से पहले UP के सीएम योगी ने यहां पूजा की और आशीर्वाद लिया.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 31, 2021, 03:06 PM IST
  • कालसर्प दोष व रोग निवारण के लिए यहां आते हैं लोग
  • 1982 में बनना शुरू हुआ मंदिर, 6 साल में बनी प्रतिमा
Tamilnadu Election: कोयंबटूर के जिस मंदिर में सीएम योगी ने की पूजा वह एशिया में क्यों है अनोखा?

कोयंबटूर: पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा (BJP) ने पूर्व से दक्षिण तक अपने स्टार प्रचारकों को उतार दिया है. इसी सिलसिले में बुधवार को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सीएम योगी (CM Yogi) तमिलनाडु पहुंचे हैं.

यहां वह कोयंबटूर में एक रोड शो करेंगे और इस दौरान सभा को संबोधित करेंगें. पिछले दिनों गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) और पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) भी जिस क्षेत्र में चुनावी जनसभा में पहुंचे तो इससे पहले उन्होंने वहां के मंदिरों में पूजा-प्रार्थना की. कुछ इसी तरह की रवायत का पालन करते हुए सीएम योगी भी कोयंबटूर के मंदिर पहुंचे.

सीएम योगी का है रोड शो

सीएम योगी बुधवार को कोयंबटूर में हैं और यहां रोड शो (Road Show) में शामिल होंगें. असम-बंगाल में ताबड़तोड़ रैलियों के बाद यह उनका पहला दक्षिण दौरा होगा और इसका श्रीगणेश (Lord Ganesha) उन्होंने प्रथमपूज्य श्रीगणेश का आशीर्वाद लेकर किया.

योगी (CM Yogi) जिस गणेश मंदिर में दर्शन करने पहुंचे वह कई मायनों में खास है.

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पुलियाकुलम का श्रीगणेश मंदिर

तमिलनाडु (Tamilnadu) के कोयंबटूर से 4 किमी की दूरी पर है पुलियाकुलम (Puliakulam). इसी दिव्य माने जाने वाले इलाके में स्थापित हैं श्री मुंथी विनायक महागणपति. मुंथी विनायक गणपति (Munthi Vinayak Ganpati) आरोग्यलाभ के देवता हैं और यह विशेषता उनकी भव्य प्रतिमा से भी झलकती है.

तमिल (Tamil) में मुंथी या मुंधी का अर्थ है सबसे पहला, अग्रज या प्रथम. श्रीगणेश (Lord Ganesh) प्रथम पूज्य हैं और मुंथी विनायक मंदिर इस तथ्य का प्रतीक है कि आरोग्य का स्थान सबसे पहला है.

एशिया की सबसे वजनी देव प्रतिमा

इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता है कि इसके पूजा स्थान में विराजित गणेश प्रतिमा एशिया (Asia) में सबसे वजनी देव प्रतिमा है. इसका वजन 140 क्विंटल है, यह 20 फीट ऊंची और 11 फीट चौड़ी है. एक हाथ में अमृत कलश प्रतिमा को आरोग्य गणेश का स्वरूप प्रदान करता है तो वरद मुद्रा में हाथ अभयदान देने वाला है.

 

इतनी वजनी प्रतिमा को एक ही काले ग्रेनाइट पत्थर से काटकर तराशते हुए बनाया गया है. 1982 में बनना शुरू यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए काफी बाद में खोला गया. सिर्फ प्रतिमा के निर्माण में लगातार 6 साल लगे.  

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काल सर्प दोष का होता है निवारण

प्रतिमा कमल पुष्प पर विराजित है. यहां गणपति की कमरबंद में वासुकि नाग विराजित हैं. जिनकी विशेष मान्यता है. ग्रह शांति और काल सर्प दोष से मुक्ति के लिए भी लोग इस मंदिर में श्रद्धा के फूल लिए पहुंचते हैं.

 

बीमार लोग, जो कई दिनों से रोगग्रस्त होते हैं और ठीक नहीं हो रहे होते हैं वे यहां मनौती भी मान जाते हैं. मंदिर भले ही बहुत बाद में बनना शुरू था, लेकिन पुलियाकुलम क्षेत्र की कोयंबटूर में बहुत मान्यता है. इसे पवित्र भूमि माना जाता है.

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