Arvind Kejriwal Bail: अरविंद केजरीवाल पलटेंगे हरियाणा चुनाव के समीकरण, AAP ऐसे बिछाएगी सियासी बिसात!

 Arvind Kejriwal Bail Impact on Haryana Vidhan Sabha chunav: आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. हरियाणा के विधानसभा चुनाव से पहले AAP के लिए यह बड़ी राहत है. अब केजरीवाल अपने हिसाब से चुनावी बिसात बिछाने का प्रयास करेंगे. वे मूल रूप से हरियाणा के ही हैं.

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Sep 13, 2024, 01:05 PM IST
  • मूल रूप से हरियाणा के हैं केजरीवाल
  • वैश्य वोटर्स को कर सकते हैं प्रभावित
Arvind Kejriwal Bail: अरविंद केजरीवाल पलटेंगे हरियाणा चुनाव के समीकरण, AAP ऐसे बिछाएगी सियासी बिसात!

नई दिल्ली: Arvind Kejriwal Bail Impact on Haryana Vidhan Sabha chunav: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. जमानत की ये टाइमिंग आम आदमी पार्टी के लिए मुफीद साबित हो सकती है. हरियाणा में AAP 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. पार्टी के सबसे बड़े नेता जेल से बाहर आएंगे तो कैडर में नए सिरे से जोश का संचार होगा. AAP ने पहले कांग्रेस के साथ गठबंधन करने का प्रयास किया, लेकिन सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनी और पार्टी अपने दम पर मैदान में उतर आई. केजरीवाल के जेल से रिहा होने पर पार्टी को मजबूती मिलने की उम्मीद है.

जमानत की टाइमिंग परफेक्ट क्यों?
केजरीवाल की जमानत की टाइमिंग को इसलिए परफेक्ट कहा जा रहा है, क्योंकि 12 सितंबर को ही नामांकन की प्रक्रिया समाप्त हुई है. देश के दिग्गज नेताओं का हरियाणा में प्रचार के लिए जमावड़ा भी लगना शुरू होगा. BJP के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के पास राहुल गांधी जैसा लोकप्रिय चेहरा है. अब AAP भी अपने दिग्गज नेता अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार में उतारेगी. AAP के पास संजय सिंह, राघव चड्ढा और मनीष सिसोदिया जैसे स्ट्रैटेजिस्ट तो हैं, लेकिन केजरीवाल के अलावा कोई दूसरा पॉपुलर चेहरा नहीं है.

2019 के चुनाव में AAP का हरियाणा में क्या हाल हुआ?
आम आदमी पार्टी ने साल 2019 में हरियाणा की 46 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ा था. तब पार्टी को केवल 0.48% वोट ही मिल पाया था. इसके बाद लोकसभा चुनाव 2019 में भी तीन सीटों पर किस्मत आजमाई, लेकिन तब भी 0.36% ही मिला. लेकिन इस बार पार्टी ने भाजपा-कांग्रेस के कई ऐसे बागियों को टिकट दिया है, जिनसे जीत की उम्मीद लगाई जा रही है.

केजरीवाल कैसे बदलेंगे सियासी हालात?
1. लोकल कनेक्ट: अरविंद केजरीवाल का पैतृक घर हरियाणा में हिसार के खेड़ा में है. वे खुद का लोकल कनेक्ट दिखाते हुए वोट मांग सकते हैं. वे जेल में रहते तो AAP ये कनेक्ट बैठाने में कामयाब नहीं हो पाती.

2. वैश्य जाति के वोट: हरियाणा में भाजपा ने गैर-जाट वोटों की गोलबंदी करने की दिशा में रणनीति बनाई है. लेकिन केजरीवाल वैश्य वोटर्स को AAP के पक्ष में करने की कोशिश कर सकते हैं. अरविंद केजरीवाल वैश्य जाति से हैं. हरियाणा में वैश्य 5 फीसदी है.

3. पॉपुलर फेस: आम आदमी पार्टी के बाकी नेताओं जैसे- मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और राघव चड्ढा को ग्रामीण इलाकों में सारे लोग नहीं जानते हैं. लेकिन केजरीवाल किसी परिचय के मोहताज नहीं है, उनकी पॉपुलैरिटी गांव-ढाणियों तक है.

किन इलाकों में AAP को दिख रही संभावनाएं?
हरियाणा में AAP का सारा फोकस शहरी इलाकों में हैं. भाजपा के कोर वोटर को AAP अपने पक्ष में करने की कवायद में जुटी हुई है. खासकर, जो इलाके पंजाब और दिल्ली से सटे हुए हैं, वहां पर AAP ने अच्छी फील्डिंग लगाई है. गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, पानीपत रोहतक, भिवानी, रेवाड़ी, सिरस, जींद, अंबाला, पंचकूला और झज्जर जिले की विधानसभा सीटों पर  AAP अपने लिए संभावनाएं देख रही है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा है कि AAP 7-8 सीटों पर भाजपअ-कांग्रेस का गेम बिगाड़ सकती है.

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