नई दिल्ली: First Exit Poll of India: देश में कल लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण की वोटिंग होनी है. वोटिंग खत्म होने के बाद चैनलों और सर्वे एजेंसियों के द्वारा एग्जिट पोल जारी कर दिया जाएगा. एक जून को मतदान खत्म होने के आधे घंटे बाद एग्जिट पोल जारी होंगे. इनके जरिये चैनल और सर्वे एजेंसियां बताएंगी कि उनके हिसाब से चुनाव में किसी जीत हो सकती है.
दुनिया में सबसे पहले यहां हुआ एग्जिट पोल
भारत से पहले कई देशों में एग्जिट पोल की शुरुआत हो चुकी थी. एग्जिट पोल की शुरुआत सबसे पहले संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में हुई. साल 1936 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में न्यूयॉर्क शहर में जॉर्ज गैलप और क्लॉड रोबिंसन ने लोगों से पूछा था कि उन्होंने राष्ट्रपति के चुनाव किसे अपना वोट दिया है.
भारत का पहला अनौपचारिक एग्जिट पोल
भारत में पहला एग्जिट पोल अनौपचारिक तौर पर हुआ. इसे इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन की ओर से किया गया. आजादी के बाद दूसरे चुनाव यानी साल 1957 में इसका सर्वे हुआ. लेकिन तब इसे एग्जिट पोल नहीं माना गया था.
भारत का पहला औपचारिक एग्जिट पोल
साल 1996 में सबसे पहला औपचारिक एग्जिट पोल हुआ. इसे सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (CSDS) ने किया था. तब पत्रकार नलिनी सिंह ने दूरदर्शन के लिए ये पोल करवाया. इस पोल ये बताया गया था कि भारत में खंडित जनादेश आएगा, भाजपा सबसे बड़ा दल बनेगी.
सही साबित हुआ या गलत?
यह एग्जिट पोल सही साबित हुआ. भाजपा सबसे बड़ा दल तो बनी लेकिन अपने दम पर बहुमत का आंकड़ा नहीं छू पाई. फिर साल 1998 में हुए लोकसभा चुनाव में एक निजी न्यूज चैनल ने पहली बार एग्जिट पोल ब्रॉडकास्ट किया.
कैसे किए जाते हैं एग्जिट पोल?
वोटिंग वाले दिन वोटर पोलिंग बूथ से बाहर निकलता है तो उससे सर्वे एजेंसी के लोग बातचीत करते हैं. इसी बातचीत के आधार पर निकली बातों का विश्लेषण किया जाता है. फिर यह अनुमान जताया जाता है कि चुनाव में किसकी जीत हो रही है. हालांकि, यह जरूरी नहीं एग्जिट पोल सही ही साबित हो. बहुत बार एग्जिट पोल गलत भी निकलते हैं.
ये भी पढ़ें- हे सरकार! ये है राजधानी... जिंदा बचने लिए ले रहे जान का जोखिम, दिल्ली में पानी की ऐसी किल्लत क्यों?
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.