नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गुरुवार को देश में भिखारियों की संख्या का खुलासा किया है. सरकार द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक भारत में 4 लाख से ज्यादा भिखारी हैं. भिखारियों की संख्या के बारे में जानकारी केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने राज्यसभा में दिया. इस सूची में टॉप पर चुनावी राज्य पश्चिम बंगाल है. इसके बाद उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश का नंबर है.
क्या हैं आंकड़े?
सरकार द्वारा जारी आकंड़े के मुताबिक देशभर में कुल 4,13,670 भिखारियों की संख्या है, जिसमें 2,21,673 पुरुष और 1,91,997 महिला भिखारी हैं. सबसे ज्यादा 81,244 भिखारी पश्चिम बंगाल में हैं.
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उत्तर प्रदेश में 65,835 भिखारी, आंध्र प्रदेश में 30,218, बिहार में 29,723, मध्य प्रदेश में 28,695, राजस्थान में 25,853 दिल्ली में 2,187 भिखारी हैं जबकि चंडीगढ़ में केवल 121 भिखारी हैं. असम, मणिपुर और पश्चिम बंगाल में महिला भिखारियों की संख्या पुरुषों से ज्यादा है.
जानिए कहां सिर्फ 2 भिखारी?
इस सूची में सबसे दिलचस्प आंकड़ा सबसे कम भिखारियों को लेकर है. इस मामले में लक्षद्वीप सूची में शीर्ष स्थान पर है. यहां सिर्फ 2 भिखारी हैं.
केंद्र शासित प्रदेशों में नई दिल्ली में भिखारियों की संख्या सबसे अधिक 2,187 थी और चंडीगढ़ में 121. पूर्वोत्तर राज्यों में असम 22,116 भिखारियों के साथ चार्ट में सबसे ऊपर है, जबकि मिज़ोरम 53 भिखारियों के साथ कम स्थान पर है.
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संसद में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, दादर नगर हवेली में 19, दमन और दीव में 22 और अंडमान और निकोबार द्वीप पर सिर्फ 56 बेघर हैं.
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