नई दिल्ली: दुनिया में शायद ही कोई ऐसा होगा जिसने जगजीत सिंह (Jagjit Singh) की गजल सुनी और वह उसमें डूब न गया हो. उनकी गजलों में एक अजीब सी कशिश और एक महक होती थी, जो हर इंसान को उनके साथ बांधे रखने पर मजबूर कर देती थी. जगजीत सिंह की गजलों में अगर भारतीय संगीत की तान थी, तो आवाज में वेस्टर्न म्यूजिक की एक दिलचस्प खनक सुनाई देती थी.
लाइव कॉन्सर्ट में सुनाते थे जोक्स
8 फरवरी 1941 में, राजस्थान के श्रीगंगा नगर में जन्में वह जगजीत सिंह ही थे, जिनके लब से जो गीत छू जाता वह अमर हो जाता था. जगजीत सिंह की एक खासियत और भी थी. दरअसल, वह जब भी कोई लाइव कॉन्सर्ट करते उसमें एक गजल पूरी होने के बाद या कोई दूसरी गजल शुरू करने से पहले दर्शकों को जोक्स सुनाना शुरू कर देते थे. ऐसे में उनके लाइव कॉन्सर्ट में हमेशा ही भारी-भरकम भीड़ उमड़ पड़ती थी.
लव स्टोरी हुई फेमस
वैसे, जगजीत सिंह सिर्फ अपनी गजलों के कारण ही नहीं, बल्कि निजी जिंदगी की वजह से भी काफी सुर्खियों में रहा करते थे. पत्नी चित्रा के साथ उनकी लव स्टोरी ने भी हमेशा लोगों का ध्यान खींचा.
कम ही लोग जानते हैं कि चित्रा ने जगजीत सिंह से दूसरी शादी की थी. उनकी पहली शादी देबू प्रसाद दत्ता से हुई थी, जिनसे उन्हें एक बेटी मोना भी थी.
चित्रा ने जब पहली बार सुनी थी जगजीत की आवाज
जगजीत और चित्रा की मुलाकात भी काफी दिलचस्प थी. वह अक्सर चित्रा के पड़ोसी के घर रिकॉर्डिंग के लिए जाते थे. एक बार चित्रा ने उनकी आवाज सुनी और पड़ोसियों से इस आवाज के बारे में पूछा, जिस पर वह जगजीत सिंह की खूब तारीफें करने लगे. हालांकि, उस समय चित्रा ने कहा था कि उन्हें ये आवाज कोई खास पसंद नहीं आई.
डुएट के लिए किया था इंकार
एक बार जगजीत, महिंदर सिंह के साथ चित्रा के घर पर भी रिकॉर्डिंग के लिए गए थे. इस दौरान दोनों को एक डुएट परफोर्म करने के लिए कहा गया, लेकिन चित्रा ने इसके लिए इंकार कर दिया. इसके बाद जगजीत और चित्रा की मुलाकात 1967 में एक स्टूडियो में हुई, जहां दोनों ही रिकॉर्डिंग के लिए पहुंचे थे. इस दौरान दोनों ने काफी बातें भी कीं.
रिकॉर्डिंग के बाद चित्रा ने जगजीत सिंह से कहा कि उनका ड्राइवर उन्हें घर ड्रॉप कर देगा, जिसके लिए वह भी तैयार हो गए. इसके बाद चित्रा ने उन्हें चाय पर अपने घर बुलाया. जब वह जगजीत सिंह के लिए चाय बना रही थीं तब वह बाहर कमरे में बैठे एक गजल गुनगुना रहे थे, जिसे सुनकर पहली बार चित्रा उनकी आवाज से काफी प्रभावित हुई थीं. कहते हैं कि यहीं से दोनों की दोस्ती बढ़ने लगी और इन्होंने अक्सर मिलना शुरू कर दिया.
साथ में गाए कई गान
बाद में जगजीत और चित्रा ने मिलकर साथ कई गनों और गजलों में आवाज दी. जहां एक ओर जगजीत की आवाज में एक भारीपन था, वहीं, चित्रा की आवाज बहुत पतली और मासूम सी थी. इसी कारण चित्रा उनके साथ डुएट करने से घबराती भी थीं. हालांकि, जब दोनों डुएट के लिए साथ आए तो इन्हें काफी पसंद किया गया.
जगजीत ने मांगी थी पहले पति से इजाजत
जगजीत और चित्रा का रिश्ता धीरे-धीरे प्यार तक जा पहुंचा. वहीं, चित्रा और उनके पति देबू भी एक दूसरे से अलग हो गए. देबू किसी और से प्यार करते थे और चित्रा से उन्होंने आपसी रजामंदी से तलाक ले लिया. 1970 में देबू ने दूसरी शादी कर ली. लेकिन इसके बावजूद जगजीत सिंह ने चित्रा से तभी शादी की जब उन्हें देबू की इजाजत मिल गई.
देबू ने कही थी ये बात
इसे जगजीत सिंह की मासूमियत ही कहेंगे कि वह चित्रा से शादी करने के लिए देबू के पास उनका हाथ मांगने के लिए गए. उनकी इस हरकत पर देबू को भी नाज हो गया. उन्होंने मुस्कुराते हुए जगजीत सिंह से कहा, 'मैं अब आगे निकल चुका हूं. चित्रा अपने फैसले लेने के लिए आजाद हैं.' इसके बाद ही उन्होंने चित्रा से शादी कर ली.
सिर्फ 30 रुपये में हुई थी शादी
कहा जाता है कि सिर्फ 30 रुपये में जगजीत सिंह और चित्रा की शादी हो गई. तबला वादक हरीश ने इनकी शादी का सारा इंतजाम किया है. वही पुजारी लेकर आए और गजल गायक भूपिंदर सिंह वरमाला और मिठाई लेकर पहुंच गए.
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