महाराष्ट्र सरकार की बदले की राजनीति खुलेआम, अभिव्यक्ति की आजादी का हनन शर्मनाक

महाराष्ट्र सरकार तानाशाह सरकार बनती जा रही है और इसका उदाहरण है कंगना रनौत के साथ किया जा रहा बर्ताव. कंगना के एक बयान पर इस तरह से महाराष्ट्र सरकार की कार्रवाई देश की आजादी पर सवाल उठा रहा है. क्या अभिव्यक्ति की आजादी का यही मतलब है कि आप अपनी राई नहीं रख सकते. एक अकेली कंगना के पीछे आज पूरा बॉलीवुड गैंग और महाराष्ट्र सरकार है तो क्या इसे बदले की राजनीति कहना गलत है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 11, 2020, 01:48 PM IST
    • क्यों ड्रग्स माफियाओं पर चुप है महाराष्ट्र प्रशासन?
    • कंगना से बदलना लेने के लिए ओर कितना गिरेगी शिवसेना?
    • क्यों सुशांत केस में मुंबई पुलिस के सामने नहीं आया था ड्रग्स का एंगल?
महाराष्ट्र सरकार की बदले की राजनीति खुलेआम, अभिव्यक्ति की आजादी का हनन शर्मनाक

मुंबई: पुलिस ने 60 दिनों की जांच में सुशांत की मौत को सुसाइड साबित करने की कोशिश की. लेकिन जब सीबीआई की एंट्री हुई और NCB ने ड्रग्स एंगल की जांच की तो सुशांत के गुनहगारों की खटिया खड़ी होने लगी. बॉलीवुड का ड्रग्स कनेक्शन सामने आया, वो भी चंद दिनों की जांच में लेकिन जब पुलिस इस केस की जबतक जांच करती रही, सिर्फ मामले को उलझाती ही रही. ऐसे में अब जब कंगना ने ड्रग माफियाओं के उद्धव सेना के साथ कनेक्शन की बात कह दी तो उल्टा कंगना पर ही कार्रवाई की तलवार लटकने लगी.

सुशांत सिंह राजपूत के निधन को करीब 3 महीने होने को है. लेकिन उनके लिए इंसाफ की लड़ाई अभी भी जारी है. सुशांत के लिए एक्ट्रेस कंगना रनौत लगातार आवाज उठा रही हैं लेकिन उनका सच बोलना आज उनके लिए मुसीबत खड़ी करती जा रही है.

रिया चक्रवर्ती को NCB ने पूछताछ के तीसरे दिन गिरफ्तार कर लिया. इसकी वजह है रिया का कबूलनामा. NCB सूत्रों के मुताबिक सोमवार की पूछताछ में रिया ने ड्रग्स लेने की बात कबूली थी. इसके साथ ही NCB ने करीब 25 बॉलीवुड कलाकारों की लिस्ट तैयार की गई है. जिससे जल्द पूछताछ की जा सकती है.

इसी बीच कंगना रनौत ने बॉलीवुड में चल रहे ड्रग्स पार्टियों और सप्लाई पर सवाल उठाया और NCB को उनके जांच में सहयोग करने की बात कहीं. कंगना ने इस दौरान एक ट्वीट कर सरकार व महाराष्ट्र सरकार से इस जांच में सहयोग देने के लिए सुरक्षा की मांग की. पर महाराष्ट्र सरकार की तरफ से कोई सुरक्षा तो नहीं दी गई पर आज देश में आजादी से जीने पर बहुत बड़ा सवाल खड़ा हो गया.

 कंगना ने अपने एक ट्वीट में मुंबई की तुलना POK से कर दी थी जिसके बाद महाराष्ट्र सरकार और कंगना सीधे तौर पर आमने-सामने आ गए. पहले तो यह जंग एक जुबानी जंग लग रही थी लेकिन इसने भयावह रूप ले लिया है. शिवसेना नेता ने एक महिला के लिए नेशनल मीडिया के सामने हरामखोर तक कह दिया पर इसपर भी महाराष्ट्र सरकार को आपति नहीं हुई. यहां तक कि कंगना को मुंबई वापस न आने की भी धमकी दी गई.

9  सितंबर को कंगना ने महाराष्ट्र सरकार को चैलेंज करते हुए मुंबई आने का ऐलान किया तो वैसे ही ठीक एक दिन पहले BMC ने उनके मर्णकर्णिका ऑफिस के बाहर अवैध निर्माण का नोटिस चिपका दिया. कंगना जैसे ही मुंबई पहुंचती उससे पहले ही तोड़-फोड़ का नजारा पूरे देश के सामने आ गया. पर कंगना भी चुप नहीं बैठी उन्होंने सीधा उद्धव ठाकरे को चुनौती दे डाली और कहा आज मेरा घर टूटा है कल तेरा घमंड जरूर टूटेगा. 

बता दें कि NCB के इतने ब़ड़े खुलासे के बाद भी महाराष्ट्र सरकार व प्रशासन की नींद नहीं टूटी. अब तक मुंबई पुलिस की तरफ से ड्रग्स माफियां व 25 नामों में शामिल बॉलीवुड सितारों पर तो कोई कार्रवाई नहीं की गई. 

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please don’t drag my name in toxicity and negativity !

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लेकिन कंगना के एक्स ब्वॉयफ्रेंड अध्ययन सुमन के 2016 के इंटरव्यू को आधार बनाकर कंगना को ड्रग्स केस में शामिल होने का नोटिस भेजा गया है. आपको बता दें कि अध्ययन सुमन ने हालही में सोशल मीडिय पर वीडियो जारी कर कहा है कि उनका नाम या उनके इस तरह के इंटरव्यू को बीच में न लाया जाए. पर महाराष्ट्र सरकार कहा सुनने वाली, उनमें तो बदलने की भावना जो भरी हुई है. करीब दो महीने तक सुशांत मर्डर केस की जांच मुंबई पुलिस के हाथों में थी लेकिन इस बीच एक बार भी ड्रग्स का एंगल सामने नहीं आया. 

तो क्या मुंबई पुलिस कभी निष्पक्ष रूप से सुशांत केस की जांच ही नहीं कर रही थी, या क्या वजह थी कि रातोंरात सुशांत का पोस्टमार्टम करना पड़ा. 

मुंबई में चल रहे इतने बड़े ड्रग्स सप्लाई की ओर इस तरह से महाराष्ट्र सरकार का ध्यान न देना और एक एक्ट्रेस ने अपनी अभिव्यक्ति की आजादी के आधार पर कुछ लोगों के खिलाफ बोल दिया तो उसके पीछे इस तरह से हाथ धोकर पड़ जाना क्या दर्शाता है. क्या इसी अहंकार की बात कर रही थी कंगना रनौत? या फिर बॉलीवुड के बड़े सितारों से इस केस पर ध्यान न देने के लिए महाराष्ट्र सरकार को मिल रहा है मुआवजा?

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इस तरह के कई सवाल देश के सामने है. आज कंगना ही पूरे महाराष्ट्र सरकार के निशाने में है. क्या आपको भी लगता है कि कंगना का एक ट्वीट का यह अंजाम होना चाहिए या महाराष्ट्र सरकार का अहंकार टूटेगा. 

हमारा भारत एक स्वतंत्र देश है जहां हर किसी को सामान्य अधिकार प्राप्त है. पर क्या किसी सरकार की निंदा करना या किसी जगह के बारे में अपनी राई देने का मतलब यह है कि आपको अपना सबकुछ गंवाना पड़ सकता है. और महाराष्ट्र सरकार के पक्ष में बोलने वालों पर उनकी मेहरबानी बरसती रहेगी.

 

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