Chine के सीने पर सेना की पोस्ट! चीन को चीर देने वाली चौकी

सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में सीमा पर बार- बार चीन की सीनाजोरी अब नहीं चलने वाली है. भारत ने सीमा से महज 30 किमी. दूर एक नया आर्मी बेस बनाने का फैसला किया है जिस पर काम शुरू कर दिया गया है. सेना के लिए नई यूनिट तैनात करने के लिए 14 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है. ये जगह अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग जिले के योरनी 2 गांव में स्थित है जो डोकलाम और ना कुला पास के काफी करीब है.

Written by - Rajendra Kumar | Last Updated : Feb 3, 2021, 07:09 PM IST
  • सीमा से 30 किलोमीटर दूर सेना का पराक्रम
  • चीन को पस्त करने के लिए सेना की नई पोस्ट
  • अरुणाचल के पश्चिम सियांग जिले में जमीन अधिग्रहण
Chine के सीने पर सेना की पोस्ट! चीन को चीर देने वाली चौकी

नई दिल्ली: भारत ने चीन के साफ संदेश दे दिया है कि अगर भारत से सटे तिब्बत के इलाकों में चीन गांव बसाकर साजिश रचेगा तो भारत भी खामोश नहीं बैठेगा. चीन की गांव बसाने वाली साजिश के बाद भारत ने तेजी से सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम शुरू कर दिया है. भारत ऐसा करके न सिर्फ चीन की विस्तारवादी नीति को कंट्रोल करना चाहता है बल्कि भारतीय हिस्से में घुसपैठ की कोशिश को भी हमेशा के लिए खत्म करना चाहता है. भारत-चीन सीमा से केवल 30 किमी. दूर बनने वाली नई आर्मी यूनिट की भनक मिलते ही चीन चौकन्ना हो गया है और इसका विरोध करना शुरू कर दिया है.

चीन का सिरदर्द बढ़ाने वाली जानकारी

भारत (India) ने 2020 में सीमा से सटे इलाकों में 61 नई सड़कों का निर्माण किया है, इनमें 17 डबल लेन हाईवे हैं. सामरिक महत्व के इन हाईवे और सड़कों की लंबाई 3,323 किमी. है जो नॉर्थ ईस्ट से लेकर उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर तक कवर करते हैं. संसद में पेश रिपोर्ट के मुताबिक बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) ने इनका 75 फीसदी काम पूरा कर लिया है. चीन (China) के लिए टेंशन बढ़ाने वाली बात ये है कि इन सड़कों और हाईवे पर जेट विमानों की लैंडिंग भी कराई जा सकती है.

यानी अगर युद्ध के हालात बने तो दुश्मन को सबक सिखाने के लिए नए हाईवे का इस्तेमाल सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है. इन रास्तों में हथियारों का भंडारण, लैंडिंग लाइट, ईंधन और अग्निशमन उपकरण भी लगाए जा रहे हैं ताकि इनका बहुउद्देशीय इस्तेमाल किया जा सके.

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बसते ही चीनी गांव में दहशत

कुछ दिन पहले भारत को धोखा देते हुए चीन के अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के ऊपरी सुबनसिरी जिले में सड़क और रिहायशी बस्तियां बसाने की खबर आई थी हालांकि बाद में पता चला कि चीन ने 101 घरों का निर्माण ऊपरी सुबनसिरी जिले के करीब अपने हिस्से में किया है जो दक्षिण तिब्बत (Tibet) का हिस्सा है. बीजिंग का दावा है कि उसने नए गांव का निर्माण गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत किया है लेकिन भारत अब इस इलाके से चीनी सेना (PLA) का उन्मूलन करने के लिए तैयार है.

भारत अब चीन की विस्तारवादी नीति पर ऐसा कुठाराघात करने वाला है कि चीन नॉर्थ ईस्ट में बुरी नजर डालना भूल जाएगा. भारत की नई आर्मी चौकी से अब चीनी गांव में दहशत है और वहां लोग दिखने कम हो गए हैं.

ना कुला के पास नई चीनी साजिश

सिक्किम (Sikkim) में ना कुला के पास चीन की नई साजिश का पता चला है. सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीन ने नाकू ला के पास नई सडकों और नई आर्मी पोस्ट का निर्माण किया है. जून 2020 में इस इलाके में चीन का कोई निर्माण नहीं था, लेकिन सितंबर 2020 की सैटेलाइट तस्वीरों में नाकू ला के पास चीनी क्षेत्र में नई सड़कें दिखाई पड़ रही हैं.

चीन के कंस्ट्रक्शन पर भारत ने विरोध जताया है. नाकू ला के पास दोनों देशों की सेनाओं के बीच टकराव के हालात बने हुए हैं. सैटेलाइट तस्वीरों में किले जैसे स्ट्रक्चर दिख रहे हैं जिसे सीमा के काफी करीब वाले इलाके में बनाया गया है.

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एक्सपर्ट की मानें तो ये अस्थायी शेल्टर हो सकते हैं या फिर इन्हें सैन्य वाहनों को पार्क करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. 34 साल पहले भी चीन ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले के सुददोरोंग चू नदी के तट पर थांडरोंग चारागाह के पास चीनी पोस्ट का निर्माण कर लिया था. 14 जून 1986 को भारत की एक पेट्रोलिंग पार्टी की असम रेजीमेंट ने अवैध निर्माण देखे. भारत ने जब इसका विरोध किया तो चीन ने अपने सैनियों की संख्या बढ़ाकर 200 तक कर दिया और अस्थायी हेलीपैड भी बना दिया. जैसा वो इन दिनों ईस्टर्न लद्दाख में कर रहा है. 9 साल तक चले संघर्ष के बाद चीन इस इलाके से वापस लौटा.

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