नई दिल्लीः संसद भवन में कुछ शब्दों पर पाबंदी लगने के बाद अब धरना प्रदर्शन करने पर भी रोक लगने की खबर सामने आई है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक आदेश की कॉपी को साझा कर लिखा है कि विश्वगुरु का नया काम- 'धरना' मना है.
कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना
इसके बाद आदेश को शेयर करते हुए कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा है. कांग्रेस वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने कहा, बीजेपी वन पार्टी रूल चाहती है वहीं कोई दूसरा विकल्प न हो, कोई दूसरा विपक्षी दल न हो. भाजपा सबकी आवाज दबाना चाहती है भाजपा विपक्ष में रहकर सभी वो काम किए हैं, जिनपर आज यह रोक लगा रही है.
'लोकतंत्र में संसद का दर्ज मंदिर की तरह'
वहीं कांग्रेस राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, लोकतंत्र में संसद का दर्जा मंदिर की तरह होता है, वही हमारी अभिव्यक्ति की स्वंत्रता की रक्षा करता है. जब कोई संतुष्ट नहीं होता तो वह प्रदर्शन करता है, गांधी जी की प्रतिमा के नीचे भी हम धरना देते रहे हैं, यह लोकतंत्र का संवैधानिक अधिकार है. यदि आज कोई इस अधिकार को छीनेगा तो गलत होगा, मेरा विनम्र निवेदन है इस पर विचार किया जाए.
आदेश के मुताबिक, संसद भवन के परिसर में कोई सदस्य धरना, हड़ताल, भूख हड़ताल नहीं कर सकेगा. इसके साथ-साथ कोई धार्मिक कार्यक्रम भी वहां नहीं आयोजित हो सकेगा.
असंसदीय शब्दों की लिस्ट पर भी हुआ विवाद
इससे पहले लोकसभा सचिवालय की तरफ से जारी एक लिस्ट पर विवाद थमा नहीं है. इसमें कई शब्दों को असंसदीय शब्द बताकर उन पर पाबंदी लगा दी गई है, मतलब इनको लोकसभा और राज्यसभा में नहीं बोला जा सकेगा. इनमें जुमलाजीवी, तानाशाह, शकुनि, जयचंद, विनाश पुरुष, खून से खेती आदि को असंसदीय शब्द बताकर इनकी लंबी-चौड़ी लिस्ट तैयार की गई.
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