4 साल में 15वीं पैरोल, 5 अक्टूबर को हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले राम रहीम रिहा होने को तैयार

Gurmeet Ram Rahim Singh News: पैरोल अवधि के दौरान राम रहीम को हरियाणा में प्रवेश करने और किसी भी चुनाव संबंधी गतिविधि में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Oct 1, 2024, 05:45 PM IST
  • 5 अक्टूबर को हरियाणा विधानसभा चुनाव
  • कुछ दिन पहले तय की गई बाबा की रिहाई
4 साल में 15वीं पैरोल, 5 अक्टूबर को हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले राम रहीम रिहा होने को तैयार

Haryana assembly polls: डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख और बलात्कार के दोषी गुरमीत राम रहीम सिंह सोमवार को भारत के चुनाव आयोग द्वारा उनके पैरोल अनुरोध को मंजूरी दिए जाने के बाद एक बार फिर जेल से बाहर आने वाले हैं. पिछले नौ महीनों में यह उनकी तीसरी अस्थायी रिहाई है तथा चार साल पहले उनकी दोषसिद्धि के बाद से उनकी कुल अस्थायी रिहाई 15 हो गई है.

हरियाणा और पंजाब में काफी प्रभाव रखने वाले सिंह की रिहाई 5 अक्टूबर को हरियाणा विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले तय की गई है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, उनको पिछली फरलो और पैरोल लगातार विभिन्न चुनावों के बीच मिली है, चाहे वह नगर निकायों के लिए हो या राज्य विधानसभाओं के लिए.

बाबा को ध्यान रखनी होगी ये बात
पैरोल के दौरान डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को हरियाणा में प्रवेश करने तथा चुनाव संबंधी किसी भी गतिविधि में भाग लेने पर प्रतिबंध रहेगा, चाहे वह व्यक्तिगत रूप से हो या सोशल मीडिया के माध्यम से. चुनाव आयोग की मंजूरी मिलने के बाद हरियाणा सरकार जल्द ही उनकी रिहाई का आदेश जारी कर देगी.

राम रहीम कितनी बार जेल से बाहर आ चुका है?
13 अगस्त को 21 दिन की फरलो मिलने के बाद गुरमीत राम रहीम 2 सितंबर को सुनारिया जेल लौट आया था. 2020 से अब तक डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को 14 बार अस्थायी रूप से रिहा किया जा चुका है, जो कि फरलो और पैरोल के माध्यम से कुल 259 दिन है.

गुरमीत राम रहीम को 19 जनवरी को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पैरोल मिली थी, जिससे चुनावी कार्यक्रमों के साथ-साथ रिहाई का चलन जारी रहा.

इससे पहले उन्हें 2022 के पंजाब विधानसभा चुनावों के दौरान 21 दिन की छुट्टी मिली थी और हरियाणा नगर निगम चुनावों से ठीक पहले 17 जून, 2022 को एक और रिहाई मिली थी.

गुरमीत राम रहीम क्यों काट रहा सजा?
2017 में गुरमीत राम रहीम सिंह को अपनी दो महिला अनुयायियों के साथ बलात्कार करने के लिए दोषी ठहराया गया और 20 साल की सजा सुनाई गई. हालांकि, 2002 में संप्रदाय के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में मई में उच्च न्यायालय ने उन्हें और चार अन्य को बरी कर दिया था.

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