PM Modi ने आपातकाल को बताया 'काला धब्बा', जानिए म्यूनिख से क्या-क्या कहा

G-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पीएम मोदी जर्मनी पहुंचे. जर्मनी के म्यूनिख में प्रवासी भारतीयों ने पीएम मोदी का स्वागत किया. होटल के सामने भारतीयों की भीड़ दिखी. पीएम मोदी ने म्यूनिख में आपातकाल पर बात की. उन्होंने कहा कि '26  जून को लोकतंत्र  को बंधक बनाया गया था.'

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 26, 2022, 11:37 PM IST
  • G-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने जर्मनी पहुंचे पीएम मोदी
  • म्यूनिख में प्रवासी भारतीयों ने पीएम मोदी का किया स्वागत
PM Modi ने आपातकाल को बताया 'काला धब्बा', जानिए म्यूनिख से क्या-क्या कहा

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि 1975 में लगाया गया आपातकाल भारत के जीवंत लोकतंत्र पर एक 'काला धब्बा' है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र हर भारतीय के डीएनए में है और 47 साल पहले, लोकतंत्र को बंधक बनाने और उसे कुचलने का प्रयास किया गया था, लेकिन देश की जनता ने इसे कुचलने की तमाम साजिशों का लोकतांत्रिक तरीके से जवाब दिया.

आपातकाल पर पीएम मोदी की तीखी टिप्पणी

मोदी ने यहां ऑडी डोम स्टेडियम में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा, 'हम भारतीय जहां भी रहते हैं अपने लोकतंत्र पर गर्व करते हैं.' उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, '47 साल पहले, लोकतंत्र को बंधक बनाने और उसे कुचलने का प्रयास किया गया था. आपातकाल भारत के जीवंत लोकतंत्र पर एक काला धब्बा है.' 

जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने जर्मनी आये मोदी ने 30 मिनट से अधिक समय तक लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा, 'हर भारतीय गर्व से कह सकता है कि भारत लोकतंत्र की जननी है. संस्कृति, भोजन, परिधान, संगीत और परंपराओं की विविधता हमारे लोकतंत्र को जीवंत बनाती है.'

गौरतलब है कि 25 जून, 1975 को देश में आपातकाल लगाये जाने की घोषणा की गई थी और उस समय इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं. आपातकाल को 21 मार्च, 1977 को हटा लिया गया था. मोदी ने भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए भारत की सफलता की कहानी को बढ़ावा देने और भारत की सफलता के ‘ब्रांड एंबेसडर’ के रूप में काम करने में प्रवासी भारतीयों के योगदान की सराहना की.

पीएम मोदी ने बताई भारत की सफलता की कहानी

उन्होंने भारत की विकास गाथा पर प्रकाश डाला और देश के विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहल का उल्लेख किया. उन्होंने कहा, 'दुनियाभर में प्रवासी भारतीय न केवल भारत की सफलता की कहानी हैं, बल्कि राष्ट्र दूत भी हैं, जो भारत को दुनिया में ले जा रहे हैं और राष्ट्र की सफलता के लिए ब्रांड एंबेसडर बन रहे हैं.'

मोदी ने कहा, 'पिछली शताब्दी में जर्मनी और अन्य देशों को तीसरी औद्योगिक क्रांति से लाभ हुआ. भारत तब गुलाम था, इसलिए लाभ नहीं उठा सकता था. लेकिन अब भारत चौथी औद्योगिक क्रांति में पीछे नहीं रहेगा, यह अब दुनिया का नेतृत्व कर रहा है.' प्रधानमंत्री ने कहा कि अब भारत का हर गांव खुले में शौच मुक्त है और 99 प्रतिशत गांवों में खाना पकाने के लिये स्वच्छ ईंधन और बिजली है.

उन्होंने कहा कि भारत पिछले दो साल से 80 करोड़ गरीब लोगों को मुफ्त राशन मुहैया करा रहा है. उन्होंने कहा कि भारत में हर महीने औसतन 5,000 पेटेंट दाखिल किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत हर महीने औसतन 500 से अधिक रेलवे कोच बनाता है. मोदी ने कहा, 'एक समय था जब भारत ‘स्टार्टअप’ की दौड़ में कहीं नहीं था. आज हम तीसरे सबसे बड़े ‘स्टार्टअप इकोसिस्टम’ हैं. इसी तरह आज हम दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मोबाइल फोन निर्माता हैं.'

उन्होंने कहा कि भारत ने ‘स्वामित्व योजना’ शुरू की है, जिसके तहत भारतीय गांवों में भूमि की मैपिंग ड्रोन के माध्यम से ही की जा रही है. उन्होंने कहा, 'उपलब्धियों की यह सूची बहुत लंबी है. अगर मैं बोलता रहूं तो आपके रात्रि भोजन का समय खत्म हो जाएगा. जब कोई देश सही नीयत से सही फैसले समय पर लेता है तो उसका विकास होना तय है.'

'डिजिटल तकनीक में आगे बढ़ रहा है भारत'

मोदी ने कहा, 'आईटी, डिजिटल तकनीक में भारत अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है. दुनिया में चालीस प्रतिशत डिजिटल लेनदेन भारत से होता है. भारत डेटा खपत में नए रिकॉर्ड बना रहा है. भारत उन देशों में शामिल है, जहां डेटा सबसे सस्ता है.' उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के नए भारत में जिस तेजी से लोग प्रौद्योगिकी को अपना रहे हैं, वह रोमांचकारी है.

उन्होंने कहा, 'भारत प्रगति और विकास के लिए आतुर है, भारत अपने सपनों को पूरा करने के लिए बेताब है.' प्रधानमंत्री ने कहा, 'आज भारत को खुद पर और अपनी क्षमताओं पर विश्वास है. इसलिए हम पुराने रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं और नए लक्ष्य हासिल कर रहे हैं.'

मोदी ने कहा कि 90 प्रतिशत वयस्कों ने भारत में कोविड के टीकों की दोनों खुराक ले ली है और 95 प्रतिशत ने कम से कम एक खुराक ली है. उन्होंने कहा कि ‘मेड इन इंडिया’ टीके ने दुनियाभर में करोड़ों लोगों की जान बचाई है. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन सिर्फ सरकारी नीतियों का मामला नहीं है.

स्वच्छता को लेकर पीएम मोदी ने कही ये बात

उन्होंने कहा, 'जलवायु संबंधी सतत आचरण भारत में आम लोगों के जीवन का हिस्सा बन गया है.' उन्होंने कहा, 'आज भारत में स्वच्छता एक जीवन शैली बनती जा रही है. भारत के लोग, भारत के युवा देश को स्वच्छ रखना अपना कर्तव्य समझ रहे हैं. आज भारत के लोगों को विश्वास है कि उनके पैसों का देश के लिए ईमानदारी से उपयोग किया जा रहा है, भ्रष्टाचार की भेंट नहीं चढ़ रहा है.'

प्रधानमंत्री ने कहा, 'हम नए भारत के युवाओं के लिए 21वीं सदी की नीतियां लाए हैं. आज हमारे युवा अपनी मातृभाषा में अपनी शिक्षा पूरी कर सकेंगे.' उन्होंने कहा, 'आज अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के साथ भारत ने दुनिया को ‘वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड’ का मंत्र दिया है.' उन्होंने कहा, 'जब हम आजादी के 75 साल पूरे कर रहे हैं, भारत अब नए सपने देख रहा है, नए लक्ष्य तय कर रहा है और उन्हें साकार करने की दिशा में काम कर रहा है.

भारत संकल्प से समृद्धि की ओर बढ़ रहा है.' मोदी ने कहा कि जब एक राष्ट्र के लोग एक साथ आते हैं और 'जनभागीदारी' के माध्यम से इसे बदलने की दिशा में काम करते हैं, तो राष्ट्र को दुनियाभर से अटूट समर्थन मिलता है. उन्होंने कहा कि भारत अब विकास के एक अजेय पथ पर है.

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