नई दिल्ली: अन्नदाताओं का आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है. आज किसानों के आंदोलन का 8वां दिन है. उन्होंने चारो तरफ से राजधानी को घेर लिया है. इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ने देश के गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की है. जिसके बाद कैप्टन ने बहुत बड़ा बयान दिया.
'राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा'
गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बड़ा बयान दिया और कहा कि "किसान आंदोलन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. पंजाब की अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ा है." ये बयान अपने आप में बहुत बड़ा बयान है. ज़ी हिन्दुस्तान ने आपको बताया है कि कैसे भारत के खिलाफ बहुत बड़ी साजिश को अंजाम देने की कोशिश की जा रही है. किसानों को मोहरा बनाने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है. किसानों के आंदोलन का फायदा उठाने की कोशिश की जा रही है.
Discussion is going on between farmers & Centre, there's nothing for me to resolve. I reiterated my opposition in my meeting with Home Minister & requested him to resolve the issue as it affects the economy of my state & security of the nation: Punjab CM Captain Amarinder Singh https://t.co/OPfQWdyPCL pic.twitter.com/6T4gxMuydo
— ANI (@ANI) December 3, 2020
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गृह मंत्री से मुलाकात के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर (Captain Amarinder Singh) ने सिर्फ किसान आंदोलन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा नहीं कहा, बल्कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मुलाकात करने के लिए वक्त भी मांगा. मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएम कैप्टन पीएम मोदी से मिलना चाहते हैं.
पंजाब के सीएम की गृहमंत्री से मुलाकात
गृह मंत्री से मुलाकात के बाद पंजाब के सीएम ने कहा कि 'किसान आंदोलन का समाधान जल्द निकलना चाहिए. किसान आंदोलन का पंजाब की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है. किसान आंदोलन से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. सूत्रों के हवाले से ये भी खबर है कि किसानों की मांग को लेकर एक राय नहीं बन पाई है. पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) ने कैप्टन पर जुबानी प्रहार किया.
हरसिमरत कौर बादल का प्रहार
उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "कैप्टन-मोदी की सांठगांठ उजागर: जब अध्यादेश पास किया गया तब कैप्टन एक इंच भी नहीं हिले, न ही उस वक्त किसान रेल की पटरियों पर बैठे थे, न ही उस वक्त जब किसानों पर वाटर कैनन और आंसू गैस छोड़े गए. वे ठंड में दिल्ली की सड़कों पर डटे हुए हैं. लेकिन गृह मंत्री उन्हें बुलाते हैं तो वह दौड़कर जाते हैं। लेकिन मिलियन डॉलर का सवाल कि यह किसके हित के लिए है.
किसान आंदोलन के नाम पर देश विरोधी साजिश को अंजाम देने की कोशिशें लगातार हो रही हैं. किसानों को सिर्फ मोहरा बनाने का प्लान है. ज़ी हिन्दुस्तान ने आपके सामने इसके कई सबूत भी पेश किए हैं. ऐसे में आपको उन 5 सबूतों पर भी एक नजर और डालनी चाहिए, जो किसानों को इस्तेमाल करने वालों को बेनकाब करता है.
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