नई दिल्लीः 6 महीने से जारी किसानों का प्रदर्शन शनिवार को फिर से जोर पकड़ने की कोशिश करता नजर आया. इसके पहले किसान नेता राकेश टिकैत और गुरुनाम चढूनी सरकारों को चेतावनी दी थी. शनिवार पांच जून को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर देश भर में कृषि कानूनों की प्रतियां जलाए जाने का कार्यक्रम तय किया गया था.
इसी सिलसिले में हरियाण चंडीगढ़ तक छिटपुट तरीके से किसान अपने प्रदर्शन की खानापूर्ति करते नजर आए.
चंडीगढ़ भाजपा नेता संजय टंडन का घर घेरने की कोशिश
जानकारी के मुताबिक, शनिवार को किसान संगठनों ने चंडीगढ़ के सेक्टर-18 में प्रदर्शन किया और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन का घर घेरने की कोशिश की. इस दौरान कानूनों की प्रतियां भी जलाई गईं और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई.
शनिवार सुबह से ही भाजपा नेता संजय टंडन के घर के आगे भारी पुलिस बल तैनात था. मोर्चा के प्रदर्शन में काफी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं.
मोहाली में केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश की कोठी घेरी
उधर, शनिवार को मोहाली में भी किसानों ने प्रदर्शन किया. मोहाली में किसानों को रोकने के लिए जगह-जगह पुलिस बल तैनात किया गया था. किसानों ने सेक्टर-71 स्थित केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश की कोठी के बाहर प्रदर्शन किया. किसानों को पुलिस ने सेक्टर-71 स्थित आइवी अस्पताल के पास रोकने की कोशिश की, लेकिन किसान नहीं माने.
दूसरी बार किसानों को पुलिस ने केंद्रीय मंत्री की कोठी से करीब एक हजार मीटर दूरी पर रोका लेकिन किसान वहां से भी आगे निकल गए और कोठी के सामने जाकर बैठ गए. इस दौरान किसानों ने केंद्र के खिलाफ जमकर नारेबाजरी की. वहीं कृषि कानूनों की कापियां जलाईं.
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पंचकूला में किसानों पर बरसानी पड़ी लाठी
हरियाण के पंचकूला में अराजक स्थिति की आशंका को देखते हुए किसानों को रोकने के लिए पुलिस को उन पर लाठी चार्ज करना पड़ा. किसान हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष की कोठी का घेराव करने जा रहे थे. किसानों को पुलिस ने माजरी चौक और ओल्ड पंचकूला चौक पर ही रोक दिया था और बेरिकेट्स लगा दिए थे.
ओल्ड पंचकूला चौक पर किसानों ने बैरीकेट पार करने की कोशिश की और इस दौरान धक्का-मुक्की हुई. इसके बाद स्थिति हाथ से जाती देख पुलिस ने लाठी चार्ज किया.
गुरुनाम सिंह के आह्वान पर जलाई प्रतियां
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी के आह्वान पर यह प्रदर्शन किए जा रहे थे. इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच झड़प भी हुई. गुरुनाम चढूनी ने ट्वीट में कहा था कि सरकार को किसान को जेल में डालने का इतना ही शौक है तो सरकार अपनी जेल तैयार करे हम सुबह 11 बजे गिरफ्तारी देने के लिए टोहाना आ रहे हैं देख लेंगे सरकार के पास कितनी जेलें हैं.
इसके साथ ही किसानों का प्लान था कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं, विधायकों, सांसदों, मंत्रियों के घरों या दफ्तरों के सामने तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर विरोध प्रदर्शन करना है. इसी के तहत जगह-जगह प्रतियां जलाईं गईं.
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टोहाना में टिकैत के सामने टूटा कोविड प्रोटोकॉल
वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने टोहना में किसानों की सभा की. Corona की दूसरी लहर के बीच टिकैत की सभा में उनके सामने ही सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गईं. टिकैत ने यह सभा हरियाणा सरकार को चेतावनी देने के लिए बुलाई थी. टिकैत गिरफ्तार किए गए किसानों की रिहाई की मांग इस सभा के जरिए कर रहे थे.
उन्होंने एक दिन पहले कहा था कि कल तक अगर टोहाना जींद में गिरफ्तार किसान रिहा नहीं किए गए तो कल किसानों के साथ टोहाना थाने में गिरफ्तारी दूंगा.
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