गुजरात के मंत्री ने बताया भगवान कृष्ण का गुजराती कनेक्शन, बताया कैसे बने 'द्वारकाधीश'

केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने भगवान कृष्ण के गुजरात कनेक्शन पर बयान दिया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 27, 2021, 12:43 PM IST
  • कहा, गुजराती समुदाय पौराणिक काल से विशेष रहा है
  • यहां आने से पहले कृष्ण को कृष्ण या कन्हैया कहा जाता था
गुजरात के मंत्री ने बताया भगवान कृष्ण का गुजराती कनेक्शन, बताया कैसे बने 'द्वारकाधीश'

गांधीनगर: केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने भगवान कृष्ण के गुजरात कनेक्शन पर बयान दिया है. वह रविवार को विश्व गुजराती समाज (वीजीएस) द्वारा गुजराती समुदाय की प्रमुख हस्तियों को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे.

क्या बोले मंत्री
उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण गुजरात से जुड़ने के बाद ही 'द्वारकाधीश' के रूप में लोकप्रिय हुए. रूपाला ने कहा कि गुजराती समुदाय हमेशा पौराणिक काल से एक समृद्ध परंपरा और अतीत के साथ विशेष रहा है. कृष्ण को कृष्ण या कन्हैया के रूप में जाना जा सकता है, लेकिन यहां आने के बाद ही उन्हें द्वारकाधीश की उपाधि मिली.

इतिहासकार डॉ रिजवान कादरी को किया सम्मानित
रूपाला ने इतिहासकार डॉ रिजवान कादरी को 'सरदार वल्लभभाई पटेल विश्व प्रतिभा पुरस्कार' और भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल पर उनके शोध कार्य के लिए 2.50 लाख रुपये नकद से सम्मानित किया. रूपाला ने कहा कि मणिनगर (अहमदाबाद) में स्वामीनारायण संप्रदाय के संतों ने डॉ कादरी को सरदार पर शोध करने के लिए प्रेरित किया और उसके बाद डॉ कादरी का अध्ययन और शोध करना एक बहुत ही ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण गुजराती क्षण है. सरदार पटेल के उदार व्यक्तित्व की खोज करना समुद्र की खोज करने जैसा है.

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कादरी के अलावा, वीजीएस ने सूरत स्थित हीरा फर्म के मालिक और पद्म श्री से सम्मानित माथुरभाई सवानी को 'श्री कांजीभाई देसाई गुजरात प्रतिभा पुरस्कार' के साथ-साथ 1 लाख रुपये की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया. इसके अलावा, एक अन्य पुरस्कार विजेता दिल्ली गुजरात समाज, वीजीएस का दिल्ली अध्याय था, जिसे 'श्रेष्ठ गुजराती समाज पुरस्कार' के लिए एक पुरस्कार विजेता के रूप में मान्यता दी गई और 125 वर्षों में इसके योगदान के लिए 1 लाख रुपये से सम्मानित किया गया.

उन्होंने कहा, "125 साल का इतिहास अपने आप में दिल्ली गुजराती समाज के लिए सम्मान की बात है. मुझे खुशी है कि यह संस्था इतने सालों से राष्ट्रीय राजधानी में गुजराती संस्कृति की मयार्दा को कायम रखे हुए है."अन्य पुरस्कार विजेताओं में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आर.के. पटेल, जो यूएन मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी में मानद निदेशक भी हैं. पटेल को कोविड -19 स्थिति कर्तव्यों में उनके विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया गया.

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