Hookah bars banned in Haryana: हरियाणा विधानसभा ने सोमवार को एक विधेयक पारित किया जो राज्य में भोजनालयों सहित किसी भी स्थान पर हुक्का बार खोलने या चलाने या ग्राहकों को हुक्का परोसने पर प्रतिबंध लगाता है.
सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध और व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन) हरियाणा संशोधन विधेयक, 2024 सोमवार शाम को पारित किया गया. गृह मंत्री अनिल विज ने सदन में बिल पेश किया.
क्या है नए बिल के मायने?
विधेयक के अनुसार, प्रमुख अधिनियम (केंद्रीय कानून) की धारा 4 के बाद - सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध और व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन), अधिनियम, 2003 में धारा 4-ए सम्मिलित की जाएगी, जिसका मतलब हुक्का बार पर प्रतिबंध लगाना है.
इस अधिनियम में चाहे कुछ भी हो, लेकिन कोई भी व्यक्ति स्वयं या किसी अन्य व्यक्ति की ओर से कोई हुक्का बार नहीं खोलेगा या चलाएगा या किसी को हुक्का नहीं देगा. यह हर स्थान पर लागू होगा, चाहे वो नॉर्मल रेस्टोरेंट ही क्यों ना हो.
विधेयक में 'ईटिंग हाउस' को 'कोई भी स्थान जहां विजिटर्स को उपभोग के लिए किसी भी प्रकार का भोजन या जलपान प्रदान किया जाता है या बेचा जाता है' के रूप में परिभाषित किया गया है.
बिल के अनुसार, मूल अधिनियम की धारा 21 के बाद, धारा 21-ए डाली जाएगी. यह प्रावधान हुक्का बार चलाने पर सजा से संबंधित है.
क्या मिलेगी सजा?
जो कोई भी धारा 4-ए के प्रावधानों का उल्लंघन करेगा, उसे कारावास की सजा हो सकती है. कम से कम एक वर्ष की सजा का तो प्रावधान है, जिसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना, जो 1 लाख रुपये से कम नहीं होगा, लेकिन 5 लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है.
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