340 दिनों में कैसे बन गई Corona Vaccine? जानिए यहां

DCGI ने कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी है, लेकिन क्या आपको इस बात की जानकारी है कि 340 दिनों के भीतर कोरोना का सर्वनाश करने वाली वैक्सीन कैसे बनकर तैयार हुई है? इस खास रिपोर्ट में पढ़िए..

Written by - Ayush Sinha | Last Updated : Jan 3, 2021, 09:39 PM IST
  • भारत में कोरोना वायरस का खात्मा करने वाली वैक्सीन
  • 340 दिनों में कैसे पूरा हुआ वैक्सीन बनाने का सफर?
340 दिनों में कैसे बन गई Corona Vaccine? जानिए यहां

नई दिल्ली: DCGI ने कोरोना की दो वैक्सीन कोवैक्सीन और कोविशील्ड को मंजूरी दे दी है. दोनों वैक्सीन इस्तेमाल के लिए सुरक्षित बताई गई है. DCGI के डायरेक्टर वी जी सोमानी का कहना है कि ये वैक्सीन 110 फीसदी सुरक्षित हैं. लेकिन क्या आपको इस बात की जानकारी है कि ये वैक्सीन कैसे तैयार हुई है?

चलिए आपको बताते हैं आखिर 340 दिन के भीतर कैसे वैक्सीन बन गई. वैक्सीन बनकर तैयार है यानी अब वैक्सीन से कोरोना पर प्रहार होगा. भारत (India) में कोरोना का पहला मामले 30 जनवरी, 2020 को आया था और 340 दिन बाद यानि 3 जनवरी, 2021 तक कोरोना की वैक्सीन (Corona Vaccine) बनकर तैयार हो चुकी है. चलिए आपको मंजूर किए गए वैक्सीन की 5 अहम बातें बताते हैं..

1- दोनों वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित    
2- ट्रायल के तीनों चरणों में दोनों वैक्सीन सफल रही
3- जानवर और इंसानों पर किए गए ट्रायल सफल
4- मामूली एलर्जी संभव लेकिन चिंता की बात नहीं
5- फिलहाल आपात इस्तेमाल को मंजूरी दी गई

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चलिए आपको बताते हैं कैसे पूरा हुआ वैक्सीन बनाने का सफर?

पहला चरण). कोरोना के लक्षणों की व्यापक जांच की गई, कोरोना से शरीर पर होने असर का विश्लेषण किया गया. कोरोना वायरस की विस्तार से जांच की गई.

दूसरा चरण). सभी जरूरी विश्लेषण के बाद दवा बनाई गई. संभावित कंपोजिशन की मदद से दवा बनाई गई.

तीसरा चरण). दवा का सबसे पहले जानवरों पर परीक्षण हुआ. चूहा, खरगोश पर दवा का परीक्षण हुआ.

चौथा चरण). लोगों पर दवा का परीक्षण किया गया. तय अंतराल पर दवा की जरूरी खुराक दी गई, दवा के बाद शरीर पर हुए असर का विश्लेषण किया गया. मानवीय परीक्षण सफल पर मंजूरी के लिए भेजा गया.

पांचवां चरण). सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने ट्रायल रिपोर्ट का विश्लेषण किया. कमेटी ने विश्लेषण के बाद 2 दवाओं को मंजूरी दी. पूरी रिपोर्ट के विश्लेषण के बाद DCGI ने भी मंजूरी दी.

जल्द वैक्सीन बनने की इनसाइड स्टोरी

केंद्र सरकार ने सभी जरूरी मंजूरी तुरंत दी, जरूरत के मुताबिक आर्थिक मदद दी गई. कोरोना पर 'ग्रुप ऑफ मिनिस्टर' की कमेटी बनी. GoM ने वैक्सीन से जुड़ी सभी मुश्किलों को दूर किया. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन (Dr Harsh Vardhan) के GoM के चेयरमैन होने से फायदा मिला. वैक्सीन के लिए एक और एक्सपर्ट कमेटी बनी. कमेटी ने वैक्सीन से जुड़ी हर जानकारी पर चर्चा की. नीति आयोग लगातार वैक्सीन की प्रक्रिया से जुड़ा रहा. प्रधानमंत्री लगातार वैक्सीन के हर अपडेट से अवगत रहे.

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लेकिन खास बात ये है कि वैक्सीन पर क्लिनिकल ट्रायल चलता रहेगा. वैक्सीन के असर की लगातार जांच और वैक्सिनेशन से जुड़े सभी आंकड़ों का अध्ययन होता रहेगा. स्वास्थकर्मियों को राहत देना प्राथमिकता है,  तीनों चरण के ट्रायल में कोई बड़ी दिक्कत नहीं हुई.

वैक्सीन पर लेकिन इस सियासत से दूर कोरोना वायरस के खिलाफ जारी देश की लड़ाई की दिशा में रविवार का दिन बहुत अहम है. 3 जनवरी को हमारे देश के वैज्ञानिकों ने साबित कर दिया कि हम दुनिया में किसी से कम नहीं है. DCGI ने आज दो वैक्सीन के इमर्जेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी.

जिन्होंने वैक्सीन पर दिया भरपूर योगदान

कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) पर भारत के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है. वैज्ञानिकों की भूमिका तो अहम रही, लेकिन प्रधानमंत्री सहित कुछ ऐसे व्यक्ति रहे जिन्होंने वैक्सीन जल्द से जल्द बने इसके लिए लगातार प्रयासरत रहे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) वैक्सीन पर लगातार हर अपडेट लेते रहे, लगातार बैठक कर हरसंभव मदद की और सभी जरूरी मंजूरी और आर्थिक मदद दी.

डॉ हर्षवर्धन कोरोना पर बनी GoM कमेटी के सदस्य बने, वैक्सीन पर बनी कमेटी के सदस्य रहे और सरकार-वैज्ञानिकों के बीच सामंजस्य बनाया.

नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पॉल, ने वैक्सीन को लेकर लगातार काम किया, अलग-अलग विभागों में सामंजस्य का काम किया.

AIIMS के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने भी वैज्ञानिकों को जरूरी सहयोग दिए. कोरोना के लक्षणों पर रिपोर्ट बनाई और अलग-अलग राज्यों में हालात का जायजा लिया.

भारत सरकार प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के. विजय राघवन ने भी रिसर्च और विकास के लिए प्रोत्साहन दिया. लगातार प्रधानमंत्री के साथ संपर्क में रहे.

सीएसआईआर के डीजी डॉ शेखर मांडे ने भी वैज्ञानिकों को हर संभव मदद दी. वो स्वास्थ्य मंत्री के साथ लगातार संपर्क में रहे.

आईसीएमआर के डीजी प्रो. बलराम भार्गव ने भी रिसर्च से जुड़े मुद्दों पर वैज्ञानिकों का सहयोग किया. उन्होंने अलग-अलग लैब के बीच तालमेल कायम किया.

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कोरोना वैक्सीन पर 10 अपडेट

  1. DGCI ने 2 वैक्सीन को मंजूरी दी
  2. 2 वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी
  3. कोवैक्सीन और कोविशील्ड को मंजूदी दी गई
  4. दोनों वैक्सीन 110% सुरक्षित- DCGI
  5. अगले एक हफ्ते में वैक्सीनेशन शुरू हो सकता है
  6. प्रधानमंत्री ने वैक्सीन मंजूरी पर वैज्ञानिकों को बधाई दी
  7. WHO ने भारत को वैक्सीन बनाए जाने पर बधाई दी 
  8. कांग्रेस नेताओं ने वैक्सीन मंजूरी पर सवाल खड़े किए
  9. वैक्सीन मंजूरी में अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल का उल्लंघन- जयराम रमेश
  10. एक साथ 2 वैक्सीन की मंजूरी देने वाला भारत दुनिया का पहला देश

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करीब एक साल तक कोरोना से जंग के बीच भारत को आपात इस्तेमाल के लिए 2 वैक्सीन मिल गई है. कोविशील्ड और कोवैक्सीन नाम की वैक्सीन लोगों तक किस तरह से पहुंचेगी. इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है. सबसे पहले वैक्सीन पाने वालों में डॉक्टर, नर्स, हेल्थ वर्कर्स या फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल होंगे. नई वैक्सीन के साथ  देश में कोरोना के नये मरीजों की संख्या भी कम हो रही है. रविवार को देश में कोरोना के 18 हजार 177 नये मामले मिले. अब देश तैयार है, आत्म निर्भर भारत कोरोना वायरस को वैक्सीन से हराएगा, लेकिन हमें ये भी याद रखना है, 'अब दवाई भी और कड़ाई भी..'

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