नई दिल्ली: दिसंबर में भारतीय सेना चार साझा सैन्य अभ्यास करने वाली है. यह सभी अभ्यास रूस, चीन, श्रीलंका और नेपाल की सेनाओं के साथ किए जाएंगे. दरअसल दक्षिण एशिया में नए कूटनीतिक समीकरण तैयार हो रहे हैं. भारतीय सेना इसे युद्ध अभ्यास के मैदान में आजमाएगी.
रुस के साथ तीनों सेनाओं का सैन्य अभ्यास
रूस के साथ होने वाला अभ्यास तीनों सेनाओं का मिलाजुला अभ्यास होगा जिसमें सेना के तीनो अंग सम्मिलित होंगे. इसमें मैकेनाइज़्ड इंफेंट्री, फाइटर एय़रक्राफ्ट और जंगी जहाज़ भी शामिल होंगे. इन सारे अभ्यासों से न केवल भारतीय सेना एशिया की बड़ी सैनिक ताक़तों के साथ मिलकर काम करना सीखेगी बल्कि अपने पड़ोसियों के साथ संबंधों को भी नए सिरे से परखने का मौका मिलेगा.
भारत और रूस के सैन्य संबंध पुराने और मज़बूत रहे हैं. दोनों देशों के रक्षा संबंध इतने पुराने हैं कि रूस से एस-400 मिसाइल प्रतिरक्षा प्रणाली के सौदे को बाधित करने की कोशिशों को भारत ने खारिज कर दिया था. रूस से रक्षा संबंधों के मुद्दे पर भारत ने साफ कर दिया कि सुरक्षा से जुड़ी नीतियां किसी के दबाव में बदली नहीं जाएंगी.
भारत और रूस 2003 से साझा सैनिक अभ्यास ''इंद्रा'' कर रहे हैं. 2017 में दोनों देश सेना के तीनों ही अंगों- जल, थल और वायु सेनाओं का एक साझा अभ्यास करने पर सहमत हुए थे. इस साल के आखिरी महीने में दोनों देशों का ये अभ्यास भारत में 11 से 20 दिसंबर तक तीन अलग-अलग सैनिक ठिकानों पर किया जाएगा. बबीना में दोनों देशों की थल सेना, पुणे में वायुसेना और गोवा में नौसेना साझा अभ्यास करेगी.
चीन के साथ सैन्य अभ्यास
चीन के साथ होने वाली सालाना हैंड इन हैंड साझा अभ्यास 2017 में हुए डोकलाम विवाद के बाद पहली बार भारत में हो रहा है. ये सालाना अभ्यास एक बार भारत में और एक बार चीन में होता है.
साल 2017 में इसे भारत में होना था लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव के बाद इसे स्थगित कर दिया गया था. पिछले साथ इसे दोबारा शुरू किया गया और ये अभ्यास चीन में हुआ था. इस बार 7 से 20 दिसंबर तक मेघालय के उमरोइ में भारतीय फौज की12 कुमाऊं रेजिमेन्ट के साथ चीनी सेना अभ्यास करेगी.
रात में मिसाइल परीक्षण करके भारतीय सेना कर रही है जंग की तैयारी
श्रीलंका के साथ पुणे में अभ्यास
श्रीलंका के साथ भारतीय सेना का साझा युद्ध अभ्यास का नाम ''मैत्री शक्ति'' रखा गया है. यह एक से 14 दिसंबर तक पुणे में ऑर्गेनाइज किया जाएगा. जिसमें शहरी और ग्रामीण इलाक़ों में आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों के गुर सीखे जाएंगे. भारतीय सेना की 11 कुमाऊं रेजीमेंट इस अभ्यास में हिस्सा लेने वाली है. श्रीलंका के साथ भारत के सदियों पुराने संबंध रहे हैं.
श्रीलंका की सेना को भारत में पहले भी ट्रेनिंग दी जाती रही है.
नेपाल के साथ सूर्य किरण अभ्यास
भारतीय सेना 3 से 16 दिसंबर तक भारत-नेपाल सूर्य किरण साझा सैन्य अभ्यास करेंगे. इसका आयोजन नेपाल में होगा. भारतीय सेना की 22 सिख रेजीमेंट इस अभ्यास में नेपाली सेना के साथ राहत-बचाव कार्यों के साथ-साथ आतंकवादियों से निबटने के तजुर्बे बांटेगी. नेपाल भारत का बेहद नजदीकी पड़ोसी देश है.
भारत नेपाल की सेना को चीन की तरफ झुकने से बचाने के लिए उसके साथ सैन्य सहयोग बढ़ा रहा है.
कुछ इस तरह इजरायली तकनीक से सरहदों की निगरानी करेगी भारतीय फौज, पूरी खबर यहां पढ़ें