तो इसलिए भारत की K-4 मिसाइल से थर्राते हैं पाकिस्तान और चीन

भारत ने परमाणु क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइल K-4 का सफल परीक्षण कर लिया है. रविवार को टेस्ट की गई ये मिसाइल बेहद खास है. जिसकी वजह से पाकिस्तान और चीन दोनों के कान खड़े हो गए हैं. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 20, 2020, 03:13 PM IST
    • भारत ने किया K-4 मिसाइल का सफल परीक्षण
    • चीन और पाकिस्तान डरे
    • अरिहंत पनडुब्बी पर तैनात होगी K-4 मिसाइल
    • दुनिया के सिर्फ 6 देशों के पास है इस तरह की क्षमता
तो इसलिए भारत की K-4 मिसाइल से थर्राते हैं पाकिस्तान और चीन

नई दिल्ली: भारत की K-4 मिसाइल दुश्मनों की आंख में कांटे की तरह चुभ रही है. रविवार को इसका सफल परीक्षण आंध्र प्रदेश के समुद्री तट से किया गया. इसकी मारक क्षमता 3500 किलोमीटर है. ये परीक्षण पानी के अंदर से किया गया. ये हैं K-4 मिसाइल की खासियतें- 

- परमाणु क्षमता से लैस है K-4 मिसाइल
- 3500 किलोमीटर मारक क्षमता की वजह से चीन और पाकिस्तान दोनों हैं परेशान
- इसे समुंदर के अंदर से भी दागा जा सकता है
- इसे पनडुब्बी के अंदर से दुश्मन के बिल्कुल पास जाकर चलाया जा सकता है
- K-4 की ये खासियत इसे बेहद घातक बना देती है
-K-4  मिसाइल 12 मीटर लंबी और 1.3 मीटर चौड़ी है
- इसका वजन 17 टन है
- K-4  मिसाइल पर 2 टन वारहेड लादा जा सकता है
- यह मिसाइल आवाज से भी तेज गति से उड़ती है
- इसका पता लगाना बेहद मुश्किल है
- दागे जाने के बाद यह 3-डी आकृति में घूमती है, जिसकी वजह से इसे मिसाइल विरोधी तकनीक से रोकना मुश्किल है

दुश्मन की आंखों में खटक रही है K-4  मिसाइल
भारत की K-4  मिसाइल से चीन और पाकिस्तान दोनों ही बहुत ज्यादा डरे हुए हैं. क्योंकि परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता से लैस ये मिसाइल 3500 किलोमीटर की अपनी रेंज के कारण चीन और पाकिस्तान दोनों के लिए बेहद घातक है. 

इसे अरिहंत परमाणु पनडुब्बी पर तैनात किया जा रहा है. गुजरात की समुद्री सीमा से K-4 मिसाइल पूरे पाकिस्तान में तबाही मचा सकती है. वहीं बंगाल की खाड़ी में अरिहंत पर तैनात K-4  पूरे चीन को निशाना बनाने में सक्षम है. 


यही वजह है कि चीन और पाकिस्तान दोनों ही K-4  मिसाइल के सफल परीक्षण से घबराए हुए हैं.

भारत के लिए बड़ी उपलब्धि 
K-4  मिसाइल का सफल परीक्षण भारत के लिए बड़ी उपलब्धि है. क्योंकि इसके पहले दुनिया के मात्र छह देश(अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, रुस और चीन) ही जमीन, हवा और पानी के अंदर से मिसाइल दागने की क्षमता रखते थे. लेकिन अब भारत इन विकसित देशों की लिस्ट में शामिल हो चुका है. 

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