बेंगलुरु. राहुल गांधी की न्याय यात्रा के बीच बुधवार को कांग्रेस के लिए कई झटके वाली खबरें सामने आईं. इनमें पश्चिम बंगाल और पंजाब में सहयोगियों की अकेले लड़ने की घोषणा से इतर कर्नाटक में एक सीनियर नेता ने पार्टी का साथ छोड़ दिया. दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के सहयोगी आर. रुद्रैया ने बुधवार को कांग्रेस छोड़ दी. इसके बाद वह बेंगलुरु में पार्टी मुख्यालय जगन्नाथ भवन में बीजेपी में शामिल हो गए.
कर्नाटक के प्रशासनिक अधिकारी रहे हैं रुद्रैया
बता दें कि रुद्रैया कर्नाटक प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे हैं. रुद्रैया दलित समुदाय से हैं. उन्होंने राज्य सिंचाई विभाग में एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में सेवाएं दी हैं. वह पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी से लिंगसुगुर निर्वाचन क्षेत्र से टिकट के दावेदार थे. टिकट नहीं मिलने के बाद रुद्रैया ने कल्याण राज्य प्रगति पक्ष से चुनाव लड़ा था. उनकी पहचान मल्लिकार्जुन खड़गे के नजदीकियों में होती रही है. वह विपक्ष के नेता आर. अशोक, सांसद एस. मुनीस्वामी, विधायक शिवराज पाटिल और एमएलसी चलावादी नारायणस्वामी की उपस्थिति में बीजेपी में शामिल हुए.
क्यों नाराज थे रुद्रैया
रुद्रैया के करीबी सूत्रों ने बताया कि वो इस बात से नाराज थे कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन्हें टिकट देने से इनकार करने में भूमिका निभाई थी. इस घटनाक्रम से कलबुर्गी क्षेत्र में भाजपा को मजबूती मिलने और जिले की राजनीति में दबदबा रखने वाले खड़गे परिवार की चुनौती का सामना करने की उम्मीद है.
जी परमेश्वर की नाराजगी
इससे पहले कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने भी एक दिन पहले नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि राज्य में बोर्डों और निगमों में अध्यक्षों की नियक्ति को लेकर पार्टी की टॉप लीडरशिप उनसे सलाह नहीं ले रही है. उन्होंने कहा था कि वो राज्य के लंबे समय तक अध्यक्ष रह चुके हैं और उन्हें पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के बारे में बेहतर तरीके से मालूम है.
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