महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने राज्यपाल कोश्यारी का अपमान क्यों किया? जानिए असल वजह

महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने आखिरी वक्त में राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी को हवाई सेवा देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद सियासी घमासान छिड़ गया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सरकार ने ऐसा क्यों किया?

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 11, 2021, 05:00 PM IST
  • महाराष्ट्र सरकार ने राज्यपाल कोश्यारी का किया अपमान
  • महाराष्ट्र सरकार का राज्यपाल को हवाई सेवा देने से इनकार
  • जानिए किस वजह से सरकार ने राज्यपाल का अपमान किया?
महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने राज्यपाल कोश्यारी का अपमान क्यों किया? जानिए असल वजह

मुंबई: राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी और उद्धव ठाकरे सरकार के बीच तनातनी बढ़ गई है. महाराष्ट्र सरकार ने राज्यपाल को हवाई सेवा देने से इनकार कर दिया है. जिसके बाद सियासत में भूचाल आ गया. लेकिन ऐसी क्या वजह है, जिसके चलते उद्धव सरकार ने ऐसा किया.

राज्यपाल को विमान देने से इनकार

राज्यपाल कोश्यारी को मसूरी में एक कार्यक्रम में जाना था. एयरपोर्ट से राज्यपाल कोश्यारी को वापस लौटना पड़ा. महाराष्ट्र (Maharashtra) में राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच छिड़े इस विवाद से उद्धव सरकार की जबरदस्त थू-थू हो रही है.

राज्यपाल के अपमान की वजह क्या है?

राज्य सरकार की इस कृत्य को बदले की भावना करार दिया जा रहा है. विवाद बढ़ने की सबसे बड़ी वजह ये बताई जा रही है कि विधान परिषद की 12 सीटों पर राज्य सरकार द्वारा सुझाए गए नाम की राज्यपाल ने नियुक्ति नहीं की, जिसके चलते उद्धव सरकार बौखला गई.

खबरों की माने तो उद्धव सरकार इस मामले को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट मे जाने की भी तैयारी कर रही हैं.

दरअसल कोश्यारी को मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री एकेडमी के वार्षिक समारोह में जाना था. कोश्यारी सरकारी चार्टेड प्लेन से रवाना होना था. आखिरी वक्त पर महाराष्ट्र सरकार ने हवाई सेवा देने से मना किया. राज्यपाल के इस दौरे की जानकारी हफ्तेभर पहले सीएम कार्यालय को दी गई थी.

चार्टेड प्लेन की मंजूरी नहीं मिलने के बाद राज्यपाल को दोपहर 12 बजकर 15 मिनट कर स्पाइस जेट के विमान से देहरादून जाना पड़ा.

उद्धव के आदेश पर लगाई गई रोक

सूत्रों के अनुसार राज्यपाल के सचिव ने विमान की मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री के दोनों सचिव को फोन किया, इतना ही नहीं राज्यपाल के सचिव ने शिवसेना के सचिव मिलिंद नार्वेकर को भी फोन किया, लेकिन सभी ने ये कहा गया कि इस मामले में सीधे मुख्यमंत्री से बात करनी होगी.

क्या है पूरा मामला? समझिए

राज्यपाल को 12 फरवरी को मसूरी में IAS के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जाना था. इजाजत के लिए राज्यपाल के सचिव ने मुख्यमंत्री कार्यालय को दो फरवरी को ही सूचित कर दिया था.

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सुबह 10 बजे जब राज्यपाल छत्रपति शिवाजी महाराज एयरपोर्ट पहुंचे और सरकारी विमान में सवार हुए, तब पायलट ने बताया कि सरकार की तरफ से जाने की परमिशन नहीं दी गई है. ऐन वक्त पर राज्यपाल को उतरना पड़ा और 12.15 बजे की कमर्शियल फ्लाइट की टिकट लेकर देहरादून के लिए रवाना हुए.

छिड़ गया सियासी घमासान

देवेंद्र फडणवीस-
मैं ऐसा मानता हूं कि ये बहुत बचकानी हरकत है, ये बेशर्म सरकार है. राज्य के प्रमुख राज्यपाल हैं, राज्यपाल जी GAD को बताते है अगर प्लेन लेना हो तो, उन्हें पेर्मिशन नहीं दी. ये बहुत अहंकारी सरकार है. इनका अहंकार इन्हें ले डूबेगा.

रामदास अठावले-
सरकार का रवैया गलत है, निंदा करते है, गवर्नर का अपमान है, CM  को माफी मांगना चाहिए. बदला लेने के लिए सरकार ने ये रुख अपनाया है, धिक्कार है.

अजीत पवार-
मेरे पास ऐसी कोई जानकारी नही हैं, कल रात 8.30 तक कैबिनेट था. उसके बाद विकास काले के बेटे का रिसेप्शन था. वहां पर रात के 10.30 हो गए और सुबह उठकर मैं यहां पर आ गया. अभी आप लोगों ने मुझे ये जानकारी दी है कि मैं मंत्रालय जाता हूं तो पूरी जानकारी लेकर आपको बताउंगा.

अनिल परब-
मेरे पास इस मामले में कोई जानकारी नहीं है, मैं इस मामले में जानकारी लेकर आप लोगों को बताता हूं, आप लोगों से मुझे इस बारे में जानकारी मिली हैं.

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