नई दिल्लीः यूट्यूबर से नेता बने मनीष कश्यप को फर्जी वीडियो के मामले में कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. पटना सिविल कोर्ट ने सबूतों के अभाव में मनीष कश्यप समेत अन्य दो लोगों को फर्जी वीडियो मामले में बरी कर दिया है. मनीष कश्यप पर फर्जी वीडियो को लेकर बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने मामला दर्ज किया था. मनीष कश्यप हाल ही में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं.
वीडियो शेयर करने के बाद फंसे थे मनीष कश्यप
बीते दिनों मनीष कश्यप का एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हुआ था. वायरल वीडियो तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के साथ मारपीट का था. उस वीडियो को मनीष कश्यप ने अपने आधिकारिक यूट्यूब चैनल से शेयर किया था. इस वीडियो को बनाने के बाद मनीष कश्यप बुरी तरह से फंस गए थे. वीडियो के वायरल होने के बाद तमिलनाडु पुलिस ने इसे भ्रामक बताते हुए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था.
मनीष के खिलाफ EOU ने भी दर्ज किया था मामला
तमिलनाडु पुलिस के अलावा बिहार पुलिस का आर्थिक अपराध इकाई ने भी मामले को लेकर मनीष कश्यप के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी. मामले में जब पुलिस की ओर से दबिश दी गई तो मनीष कश्यप अंडरग्राउंड हो गए थे. हालांकि, जब बेतिया पुलिस ने मनीष कश्यप के घर कुर्की शुरू की तो उन्होंने स्थानीय थाने में सरेंडर कर दिया था.
नौ महीनों तक जेल में रहे मनीष कश्यप
इसके बाद EOU ने केस को अपने कब्जे में लेते हुए मनीष कश्यप से पूछताछ की और उन्हें जेल भेज दिया था. इसके बाद तमिलनाडु पुलिस की टीम पटना पहुंची और 30 मार्च 2023 को ट्रांजिट रिमांड पर मनीष को अपने साथ ले गई. इसके बाद करीब नौ महीनों तक मनीष कश्यप जेल में रहे.
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