फंगस के बाद अब 5 कोरोना मरीजों में मिला ये नया वायरस, मल से आ रहा खून

डॉक्टरों के अनुसार कोरोना संक्रमण के चलते जिन मरीजों की इम्युनिटी कम है उनमें फंगस के काफी मामले अब तक देखने को मिल चुके हैं.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 30, 2021, 08:53 AM IST
  • देश में कम हो रहे हैं कोरोना के मरीज
  • लोगों से सावधानी बरतने की अपील
फंगस के बाद अब 5 कोरोना मरीजों में मिला ये नया वायरस, मल से आ रहा खून

नई दिल्लीः कोरोना संक्रमण के खतरे के बाद ब्लैक फंगस के साथ कई नई बीमारियां सामने आई हैं. इनसे लोग अभी परेशान ही हैं कि इसी बीच देश में एक और नई बीमारी ने दस्तक दी है. दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल ने अब कोरोना मरीजों में साइटोमेगालो वायरस (सीएमवी) मिलने का खुलासा किया है. अब तक देश के पहले पांच मरीज यहां भर्ती हो चुके हैं. कोरोना का इलाज लेने के बाद इन मरीजों को पेट में दर्द और मल में खून बहने की परेशानी को लेकर भर्ती किया गया है. 

इस वजह से बढ़ रहा खतरा

डॉक्टरों के अनुसार कोरोना संक्रमण के चलते जिन मरीजों की इम्युनिटी कम है उनमें फंगस के काफी मामले अब तक देखने को मिल चुके हैं. यह सिलसिला लगातार जारी है लेकिन अब कम इम्युनिटी वाले मरीजों में सीएमवी संक्रमण भी मिल रहा है. हालांकि, अभी तक इसके कारणों का पता नहीं चल पाया है.अस्पताल के वरिष्ठ डॉ. अनिल अरोड़ा ने बताया कि दूसरी लहर के दौरान संक्रमितों में सीएमवी के मामले अचानक से सामने आने लगे हैं. यह स्थिति पिछले 45 दिन में ही सामने आई है. 

कोरोना से ठीक होने के बाद शुरू हुए ये लक्षण
कोरोना के इलाज के 20 से 30 दिन बाद मरीज पेट में दर्द और मल में खून बहने की परेशानियों के साथ पहुंचे हैं. ऐसे पांच मरीजों में फिलहाल कोरोना का संकेत नहीं है. उन्होंने बताया कि इन मरीजों को लेकर जब चिकित्सीय अध्ययनों को देखा गया तो देश में अब तक ऐसे मामले सामने नहीं आए हैं. पहली बार इन मरीजों का पता चला है. यह सभी मरीज दिल्ली और आसपास के राज्यों से हैं.

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कमजोर इम्यून सिस्टम वालों के लिए खतरा

उन्होंने कहा कि फंगस की तरह इसमें भी स्टेरॉयड युक्त दवाओं का अधिक इस्तेमाल बड़ी वजह मिल सकता है क्योंकि ये दवाएं प्रतिरोधक क्षमता को दबा देती हैं और उन्हें असामान्य संक्रमणों के लिए अतिसंवेदनशील बनाती हैं. गंगाराम अस्पताल के डॉ अनिल अरोड़ा ने बताया कि साइटोमेगालो वायरस 90% लोगों के शरीर में होता है लेकिन इम्यून सिस्टम मजबूत होने से ये नुकसान नहीं पहुंचा पाता.

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लेकिन इन मरीजों में कोरोना रिकवरी के 30-40 दिनों में ये बीमारी हुई. इम्यूनिटी ना के बराबर होने से इन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा.ये सभी दिल्ली एनसीआर के मरीज थे.  इनमें से चार मरीजों को मल में खून आने की परेशानी है और एक मरीज को आंतों में रुकावट की समस्या है. डॉक्टरों ने यहां तक बताया है कि दो मरीजों की हालत काफी नाजुक है क्योंकि अत्यधिक खून बह रहा है. 

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