कहते हैं कि इंसान की जुबान उसकी मानसिकता का सबसे बड़ा आईना होती है. राहुल गांधी की जुबान जब-जब खुलती है एक नए विवाद को जन्म देती है. इस बार उन्होंने RSS और सरस्वती शिशु मंदिर की आड़ में भारत की संस्कृति पर ही प्रश्नचिन्ह लगा दिया.
स्कूल पर सवाल क्यों?
दरअसल, अपने एक बयान में राहुल गांधी ने RSS के स्कूलों की तुलना पाकिस्तान के कट्टरपंथी इस्लामिक मदरसों से की थी. राहुल गांधी ने कहा था कि कोई ये क्यों नहीं पूछता कि स्कूलों को चलाने के लिए RSS को पैसा कहां से मिलता है.
उन्होंने कहा कि आरएसएस ने अपने स्कूलों के जरिए हमला शुरू किया. जिस तरह से पाकिस्तान में इस्लामिक कट्टरपंथी मदरसों के जरिए अपनी विचारधारा को आगे बढ़ाते हैं ठीक उसी तरह से आरएसएस अपने स्कूलों के जरिए अपनी विचारधारा आगे बढ़ा रहा है. कोई ये सवाल नहीं पूछता कि आरएसएस के पास सैकड़ों-हजारों स्कूल चलाने के लिए पैसे कहां से आ रहा है?
राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि भारतीय शिक्षा व्यवस्था पर कब्जा करने की कोशिश हो रही है. इस मसले पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के इंद्रेश कुमार Zee हिन्दुस्तान से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी आतंकवादियों से हाथ मिलाने के लिए भी तैयार हैं.
राहुल पर संघ का प्रहार
उन्होंने कहा कि 'अच्छा ये होगा कि वो अपनी पार्टी को संभाल लें. कांग्रेस झूठ बोलती है, राहुल एक्सपर्ट हैं. पाकिस्तानी मदरसे के बारे में राहुल गांधी जानते हैं तो उनको बताना चाहिए कि हिंदुस्तानी मदरसे के बारे में राहुल की क्या राय है.'
इंद्रेश कुमार ने कहा 'पाकिस्तानी आतंक को जन्म देते हैं. आम तौर पर राहुल गांधी के विचार प्रो चीन, प्रो पाकिस्तान और एंटी हिंदुस्तान हैं. कांग्रेस ने कई अपराध किए हैं. उन्होंने आपातकाल के लिए माफी मांग ली है, अब उन्होंने जो संघ को लेकर बयान दिया है उसके लिए भी उन्हें माफी मांगनी पड़ेगी. भगवान उन्हें सदबुद्धि दें.'
Zee हिन्दुस्तान से इंद्रेश कुमार ने कहा कि 'राहुल गांधी भारत, भारतीय और भारतीयता के बारे में नहीं जानते हैं, उन्हें देश समाज और संस्कृति का कोई अभ्यास नहीं है क्योंकि वो विदेश में पले हैं. वो विदेशी ताकतों को खुश करने के लिए बोलते हैं. RSS को गाली देना पॉलिटिक्स बन गई है.'
राहुल की सोच
यहां राहुल गांधी की मानसिकता समझने की जरूरत है. सबसे बड़ी बात कि राहुल गांधी को सरस्वती शिशु मंदिर (Saraswati Shishu Mandir) की शिक्षा प्रणाली में ऐसी कौन सी खामी नजर आती है, जिससे उन्होंने सरस्वती शिशु मंदिर को ही कटघरे में खड़ा कर दिया.
शिशु मंदिर पर सवाल क्यों?
सरस्वती शिशु मंदिर में हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति से जुड़ी शिक्षा पर विशेष महत्व दिया जाता है. या कुंदे दुतु सा रहा की प्रार्थना, वंदे मातरम् और जन गण मन की गूंज से इस विद्यालय की सभ्यता है.
इन विद्यालयों को समझना है तो राहुल गांधी को एक बार सरस्वती शिशु मंदिर का भ्रमण जरूर करना चाहिए. इन स्कूलों में व्यायाम (PT), खेलकूद, सुलेख, श्रुतलेख जैसी प्रतियोगिताओं के जरिए छात्रों के प्रतिभा का विकास किया जाता है.
राहुल गांधी ने शिशु मंदिर पर सवाल उठाया और पाकिस्तानी मदरसों से तुलना कर दी, इससे समझा जा सकता है कि राहुल गांधी भारतीय संस्कृति और सभ्यता पर सवाल उठा रहे हैं या RSS के शिशु मंदिर पर..
सरस्वती शिशु मंदिर में विद्यार्थी रहे एक युवक ने ज़ी हिन्दुस्तान के माध्यम से राहुल गांधी को बड़ी नसीहत दी है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को एक बार सरस्वती शिशु मंदिर में दाखिला करा लेना चाहिए, वहां ताट पर बैठकर जब राहुल जी पढ़ाई करेंगे, तो शायद सरस्वती माता राहुल जी का ज्ञानवर्धन कर देंगी.
संघ नहीं चलाता है स्कूल!
सीधे तौर पर RSS कोई भी स्कूल नहीं चलाता है. स्वयंसेवकों की संस्थाओं, जैसे विद्या भारती और समर्थ शिक्षा समिति के अंतरगत तकरीबन 20 हजार स्कूलों का संचालन किया जाता है. सरस्वती शिशु मंदिर की स्थापना वर्ष 1952 में की गई थी.
पाकिस्तानी मदरसों को समझिए
जिन इस्लामिक कट्टरपंथी मदरसों की बात राहुल गांधी कर रहे हैं, उनका संचालन पाकिस्तान में कट्टरपंथी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है. 2001 में इसका खुलासा हुआ था कि पाकिस्तानी मदरसों में आतंक का पाठ पढ़ाया जाता है.
कई रिसर्च में ये भी दावा किया जा चुका है कि पाकिस्तानी मदरसों से अल कायदा, हिज्बुल जैसे आतंकी संगठनों का गहरा कनेक्शन होता है. यहां इस्लामिक चरमपंथ और आंतकवाद को बढ़ावा देने की ट्रेनिंग दी जाती है. वर्ष 2019 में खुद पाकिस्तानी सेना के एक प्रवक्ता ने ये स्वीकार किया था कि पाकिस्तान के मदरसों में आतंकवाद की ट्रेनिंग दी जाती है.
वर्ष 2020 में बलूच वॉइस एसोसिएशन के अध्यक्ष मुनीर मेंगल के हवाले से IANS ने एक रिपोर्ट में लिखा था कि पाकिस्तान में पढ़ाया जाता है कि हिंदू काफिर हैं, यहूदी इस्लाम के दुश्मन हैं. बच्चों को संदेश दिया जाता है कि हमें बंदूक और बम का सम्मान करना होगा, क्योंकि हमें इनका इस्तेमाल हिंदू माताओं को मारने के लिए करना है अन्यथा वे हिंदू बच्चे को जन्म देंगी.
इमरान के पदचिन्हों पर राहुल
कुछ दिनों पहले ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने एक बयान में कहा था कि मोदी और आरएसएस के नेतृत्व में भारत में उन सभी आवाजों को शांत किया जा रहा है, जो सरकार के खिलाफ हैं. इससे पहले उन्होंने ये भी कहा था कि RSS गांधी और नेहरू के सेक्युलर मूल्यों को पीछे छोड़ भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की कोशिश में लगा हुआ है.
इमरान खान (Imran Khan) जो भी कहते हैं, राहुल गांधी उनके सुर में सुर मिला देते हैं. क्या राहुल को इमरान से प्रेरणा मिलती है? इससे पहले इमरान ने एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाया था, उस वक्त भी राहुल गांधी ने इमरान खान के ठीक बाद वैसा की बात कही.
चुनावी कनेक्शन
राहुल गांधी ने ऐसा बयान उस वक्त क्यों दिया, जब 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है. क्या राहुल गांधी तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ावा देना चाहते हैं? खैर, ये राहुल गांधी का चुनावी एजेंडा भी हो सकता है.
राहुल को संघ से 'नफरत'
जनवरी 2014 में राहुल गांधी का बयान: महात्मा गांधी की हत्या में RSS का हाथ था
अक्टूबर 2017 में राहुल गांधी का बयान: क्या RSS में शॉर्ट्स पहने महिलाएं देखी हैं?
फरवरी 2018 में राहुल गांधी का बयान: RSS अपनी सोच को देश पर थोपने में जुटा है
मार्च 2018 में राहुल गांधी का बयान: RSS की विचारधारा को कभी जीतने नहीं देंगे
दिसंबर 2018 में राहुल गांधी का बयान: RSS पुरुष प्रधान है, उसमें महिलाएं नहीं होतीं
वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि 'राहुल गांधी को RSS समझने में बहुत समय लगेगा. आरएसएस देशभक्ति की सबसे बड़ी पाठशाला है दुनिया की, लोगों में अच्छा परिवर्तन लाना और लोगों को देशभक्ति के लिए प्रेरित करना यही संघ करता है.'
वहीं विश्व हिंदू परिषद (VHP) के अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि 'बयान हास्यास्पद है, असत्य और कपटपूर्ण है. राहुल गांधी निरंतर ऐसे बयान क्यों देते हैं जो या तो पाकिस्तान को प्रसन्न करने वाले होते हैं या को प्रसन्न करने वाले होते हैं.'
'संघ शक्ति' से राहुल को डर क्यों?
1. सीधी चुनौती
कांग्रेस को RSS से सीधी चुनौती मिलती रही है, देश की सत्ता से हटाने में RSS की अहम भूमिका रही है.
2. बीजेपी का जन्मदाता
कांग्रेस मानती है कि RSS बीजेपी का जन्मदाता है, बीजेपी के जरिये कांग्रेस का प्रभुत्व मिटाने की कोशिश कर रही है.
3. परिवारवाद मुक्त नीति
RSS की 'परिवारवाद मुक्त नीति' कांग्रेस को नापसंद है. कांग्रेस पार्टी पर हमेशा नेहरू-गांधी परिवार का वर्चस्व रहा है.
4. RSS के समर्पित कार्यकर्ता
RSS के 50 लाख से ज्यादा समर्पित कार्यकर्ता हैं. देश में RSS की 58,000 से ज्यादा शाखाएं हैं. चुनावी माहौल में RSS कार्यकर्ताओं का अहम रोल है. कांग्रेस को लगता है RSS उसके खिलाफ प्रचार करता है.
5. हिंदुत्व
RSS की विचारधारा देशप्रेम और हिंदुत्व पर आधारित है. कांग्रेस को RSS के हिंदुत्व में अपना नुकसान दिखता है.
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राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस को RSS से परेशानी है, तो उन्हें सियासत के लिए उसपर वार करने की पूरी छूट है. मगर सरस्वती शिशु मंदिर जैसे विद्यालयों की तुलना कट्टरपंथी मदरसों से करना क्या भारतीय संस्कृति पर प्रहार करने जैसा नहीं है?
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