नई दिल्ली: पाकिस्तान में अगले आम चुनाव से पहले पीएमएल-एन सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की वापसी को लेकर बहस छिड़ी है. वहीं विरोधी दल और नागरिक पूछ रहे हैं कि पाकिस्तान के वर्तमान पीएम इमरान खान पर इसका कितना असर होगा.
पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ, जो पूर्व प्रधानमंत्री के भाई भी हैं, उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि नवाज शरीफ पूरी तरह से ठीक होने तक वापस नहीं आएंगे. शनिवार को जारी एक बयान में, शहबाज शरीफ ने कहा कि नवाज शरीफ ब्रिटेन में कानूनी रूप से तब तक रह सकते हैं जब तक कि ब्रिटिश गृह कार्यालय द्वारा वीजा बढ़ाने की अस्वीकृति के खिलाफ उनकी अपील पर आव्रजन न्यायाधिकरण नियम नहीं बनाते.
मरियम नवाज ने साधा इमरान पर निशाना
इस बीच, पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने एक ट्वीट में कहा , "इस नकली सरकार ने नवाज शरीफ से अपनी हार स्वीकार कर ली है, जो पाकिस्तान का वर्तमान और भविष्य है. एक बड़े व्यक्तित्व को निशाना बनाकर, एक पिग्मी का कद ऊंचा नहीं किया जा सकता है."
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इमरान के विशेष सहायक ने किए सवाल
जवाबदेही और आंतरिक बैरिस्टर पर प्रधानमंत्री (एसएपीएम) के विशेष सहायक, शहजाद अकबर ने सवाल किया कि क्या नवाज शरीफ देश की राजनीति में भाग ले सकते हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दोषी घोषित कर दिया और उन्हें जीवन के लिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया. साथ ही एक जवाबदेही अदालत ने उन्हें एनएबी मामले में दोषी ठहराया. अकबर ने कहा, "नवाज शरीफ को फिर से चुनाव लड़ने में सक्षम करने के लिए यह अफवाह उड़ाई जा रही है कि बार काउंसिल अदालत में याचिका दायर कर रही है.
"बार काउंसिल के लिए अदालत में याचिका दायर करना उचित नहीं है. मुझे समझ में नहीं आता कि उन्हें चौथी बार पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनाना कानूनी रूप से कैसे व्यवहार्य है." उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट बार काउंसिल के अध्यक्ष ने हाल ही में नवाज शरीफ से मुलाकात की थी. उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि सुप्रीम कोर्ट बार काउंसिल द्वारा इस मुद्दे को उठाना एक राजनीतिक निर्णय है." "सुप्रीम कोर्ट बार एक पेशेवर निकाय है, इसलिए इसे खुद को राजनीतिक मामलों में शामिल होने से बचना चाहिए. नवाज शरीफ के मामले के संबंध में परिषद से एक आवेदन जमा करना उचित नहीं था. उन्होंने अब तक कदम नहीं उठाया है. मैं उनसे समीक्षा करने का आह्वान करता हूं ."
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