21 सितंबर से खुल रहे स्कूल, सरकार ने छात्रों और टीचर्स के लिए जारी की गाइडलाइंस

कोरोना संक्रमण के दौर में देश भर के स्कूल कई महीनों से बन्द हैं. अनलॉक 4 (Unlock) के इस चरण में केंद्र सरकार ने राज्यों को सीमित संख्या में स्कूल खोलने की अनुमति दे दी है.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 9, 2020, 09:16 AM IST
    • कंटेंटमेंट जोन के स्कूल रहेंगे बन्द
    • स्कूल में हो 50 फीसदी स्टाफ
21 सितंबर से खुल रहे स्कूल, सरकार ने छात्रों और टीचर्स के लिए जारी की गाइडलाइंस

नई दिल्ली: देश भर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बीच अहम बात ये है कि स्वस्थ होने वाले मरीजों का आंकड़ा बहुत तेजी से बढ़ रहा है. भारत में मरीजों के स्वस्थ होने की दर बहुत बढ़िया है. यही देखकर केंद्र सरकार ने 21 सितंबर से कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को विद्यालय जाने की अनुमति दे दी है. इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज एसओपी (Standard Operating Procedure) जारी किया है.

अपनी इच्छा से टीचर्स से परामर्श लेने स्कूल जा सकते हैं छात्र

आपको बता दें कि 9वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स को टीचर्स से गाइडेंस लेने के लिए स्कूल जाने की अनुमति होगी जो पूरी तरह स्वैक्षिक होगा. जिसके लिए पैरेन्ट्स/गार्जियन की लिखित सहमति जरूरी होगी. कंटेनमेंट जोन के बाहर के ही स्कूलों को खोलने की अनुमति होगी. इसके अलावा कंटेनमेंट जोन में रहने वाले स्टूडेंट्स, टीचर्स, स्कूल स्टाफ को स्कूल आने की अनुमति नही होगी.

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कंटेंटमेंट जोन के स्कूल रहेंगे बन्द

केंद्र सरकार ने उनलॉक 4 में व्यवस्था दी है कि वही स्कूल खुल पाएंगे जो कंटेनमेंट जोन में नहीं हैं. स्कूल में गतिविधियों को फिर से शुरू करने से पहले, सभी कार्य क्षेत्र, क्लास रूम लैबोरेट्री, टीचिंग एरिया, कॉमन यूटिलिटी एरिया आदि को 1 फीसदी सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन से सैनेटाइज करना होगा.

उल्लेखनीय है कि स्कूलों में छात्रों और टीचर्स के बीच में 6 फीट से ज्यादा की दूरी सुनिश्चित करने के लिए बैठने की व्यवस्था उसी तरह से की जाए.

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स्कूल में हो 50 फीसदी स्टाफ

आपको बता दें कि स्कूल में सिर्फ 50 फीसदी टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को इस दौरान बुलाया जाएगा. स्कूल में बायोमेट्रिक अटेडेंस के बजाय कॉन्टैक्ट लेस अटेंडेंस के लिए वैकल्पिक व्यवस्था स्कूल प्रशासन द्वारा बनाई जाएगी. हर समय, शिक्षक और छात्र, जहां भी संभव हो, 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखेंगे. गतिविधियों और बैठने की योजना भी इसी के अनुसार हो.

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