नई दिल्लीः वरिष्ठ कांग्रेस नेता बूटा सिंह (Buta Singh) नहीं रहे. शनिवार 2 जनवरी को 86 वर्ष की उम्र में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के 8 बार सांसद रहे Buta Singh ने एम्स में आखिरी सांस ली. वह लंबे समय से बीमार थे. उन्हें अक्टूबर में ब्रेन हैमरेज के बाद एम्स (All India Institute of Medical Sciences) में भर्ती कराया गया था.
Former Union Minister, former MP from Rajasthan and Congress leader Buta Singh passes away.
— ANI (@ANI) January 2, 2021
पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि
Buta Singh की पहचान पंजाब के बड़े दलित नेता के तौर पर रही. वह कांग्रेस की कई सरकारों का हिस्सा रहे. राजीव गांधी सरकार में उन्हें गृह मंत्री की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करके उनके निधन पर शोक जताया और पूर्व केंद्रीय मंत्री को श्रद्धांजलि दी.
Shri Buta Singh Ji was an experienced administrator and effective voice for the welfare of the poor as well as downtrodden. Saddened by his passing away. My condolences to his family and supporters: PM Narendra Modi (file photo) https://t.co/DFBXUkWaOf pic.twitter.com/PHOgjOzIZc
— ANI (@ANI) January 2, 2021
अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष भी रहे
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ दलित नेता सरदार बूटा सिंह का जन्म 21 मार्च, 1934 को पंजाब के जालंधर जिले के मुस्तफापुर गांव में हुआ था. राजीव गांधी की सरकार में वर्ष 1984 से 1986 तक कृषि मंत्री और 1986 से 1989 तक गृह मंत्री रहे हैं. बूटा सिंह साल 1962 से 2004 के बीच आठ बार लोकसभा के लिए चुने जा चुके हैं.
कांग्रेस नेता बूटा सिंह वर्ष 2004 से 2006 तक बिहार के राज्यपाल रहे. साथ ही वह वर्ष 2007 से 2010 तक राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. साल 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़कर बूटा सिंह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे.
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