नई दिल्ली: शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन के चलते दिल्लीवालों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अगर सुप्रीम कोर्ट की कोशिशें रंग लाईं, तो दिल्ली के शाहीन बाग में बीते 65 दिनों से जारी CAA विरोधी धरना प्रदर्शन जल्द खत्म हो सकता है. हालांकि इस बात की भी आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सड़क बंद करने को गलत ठहराने वाले बयान का सम्मान करते हुए प्रदर्शनकारी अब किसी दूसरी जगह पर शिफ्ट होकर अपना प्रदर्शन जारी रखें. कल सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत और विवाद को सुलझाने के लिए तीन मध्यस्थों को नियुक्त किया था.
शाहीन बाग पर SC के वार्ताकार कौन?
वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े, वरिष्ठ वकील साधना रामचंद्रन और पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह को बतौर वार्ताकार नियुक्त किया था. मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को होनी है. तब तक वार्ताकारों की तरफ से कोशिश की जाएगी कि शाहीन बाग के प्रदर्शकारी बंद सड़क खोलकर आम जनता को हो रही परेशानी को खत्म करेंगे.
वजाहत हबीबुल्ला, सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकार ने बताया कि जल्द ही शाहीनबाग जाकर लोगों से बात करेंगे.
सोमवार देर शाम दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने संजय हेगड़े से मिलकर एक बैठक भी की. जहां इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने अपने सुझाव संजय हेगड़े से बांटे. वहीं प्रदर्शन की वजह से पिछले दो महीने में हुई दिक्कतों की जानकारी भी साझा की. दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने दोहराया कि शाहीन बाग में जारी प्रदर्शन सुनियोजित षड्यंत्र है.
केंद्रीय मंत्री ने प्रदर्शन को बताया सुनियोजित षडयंत्र
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि "ये सीएए पर लोगों को कनविंस नहीं कर पाए. तो लोगों को कन्फ्यूज करना शुरु कर दिया. ये सुनियोजित षडयंत्र है. 100 फीसदी झूठ के आधार पर इतने दिनों तक बैठा दिया. पीस की जगह आपने प्रोवोक करना शुरु कर दिया.
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कल सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्रदर्शन की वजह कितनी भी वाजिब हो सड़क जाम नहीं की जा सकती. हर कोई सड़क पर उतरेगा तो क्या होगा? ये जनजीवन ठप करने से जुड़ा मुद्दा है. प्रदर्शन जारी रहा तो शहर के विभिन्न इलाके ब्लॉक हो जाएंगे. लोकतंत्र अभिव्यक्ति से ही चलता है लेकिन इसकी एक सीमा है. मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को भी नोटिस जारी किया है.
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