उत्तरकाशीः चार धामों में से एक बदरीनाथ धाम के कपाट भी शुक्रवार ब्रह्ममूहूर्त में खोल दिए गए. चार बजकर 30 मिनट पर जैसे ही कपाट खोले गए धाम जय बदरीविशाल के जयघोष से गूंज उठा. कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए. अब छह माह तक भगवान बदरीश की पूजा अर्चना यहीं होगी.
पहली पूजा प्रधानमंत्री के नाम से
धाम खुलने के बाद सबसे पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की गई. धाम के मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने बताया कि आज सुबह नौ बजे बदरीनाथ की पहली पूजा की गई. ये पूजा प्रधानमंत्री मोदी के नाम से की गई. इस पूजा के दौरान बदरीविशाल से कोरोना मुक्त संसार की कामना की गई. इसके साथ ही भारत की सम्पन्नता की प्रार्थना की गई.
धाम में रहे कुल 28 लोग
बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के वक्त केवल बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी, धर्माधिकारी, अपर धर्माधिकारी व अन्य पूजा स्थलों से जुड़े 11 लोग ही शामिल हुए. वहीं धाम में कुल 28 लोग मौजूद थे. कोरोना लॉकडाउन की वजह से इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब कपाट खुलते वक्त धाम में श्रद्धालु नहीं थे. बदरीनाथ धाम को 10 कुंतल गेंदे के फूलों से सजाया गया है.
14 मई से शुरू हो गई थी प्रक्रिया
पूरे विधि-विधान से पूजा अर्चना के बाद बेहद सादगी के साथ कपाट खोले गए. कपाटोद्घाटन में मुख्य पुजारी रावल, धर्माधिकारी भूवन चन्द्र उनियाल, राजगुरु, हकहकूकधारियो सहित केवल 11 लोग ही शामिल हो सके. बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की प्रक्रिया 14 मई (गुरुवार) से ही शुरू हो गई थी.
#WATCH Uttarakhand: The portals of Badrinath Temple opened at 4:30 am today. 28 people including the Chief Priest was present at the temple when its portals opened. (Video Source: ITBP) pic.twitter.com/Yr6pamv7Kk
— ANI (@ANI) May 15, 2020
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इतिहास में पहली बार बदली गई कपाट खोलने की तिथि
कपाट खोलने से पहले बदरीनाथ सिंह द्वार, मंदिर परिसर, परिक्रमा स्थल, तप्त कुंड के साथ ही विभिन्न स्थानों को सैनिटाइज किया गया. योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर में कुबेर जी, उद्धव जी और गरुड़ जी की विशेष पूजाएं हुईं. हक-हकूकधारियों ने सामाजिक दूरी का पालन करते हुए भगवान श्री बदरीनाथ की पूजा अर्चना की और पुष्प अर्पित किए.
इतिहास में पहली बार बदरीनाथ धाम के कपाट तय तिथि 30 अप्रैल को न खुलकर इस बार कोरोना संकट के कारण तिथि को बदलकर 15 मई कर दिया गया.
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