सोनिया से पूछे बिना उद्धव की पाकिस्तानियों और बांग्लादेशियों को बाहर करने की मांग

राज ठाकरे ने भगवा अपनाया तो उद्धव ठाकरे अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर आशंकित हो गए और मजबूरन उन्हें फिर से उग्र-राष्ट्रवाद का झंडा बुलंद करना पड़ रहा है..  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 25, 2020, 12:18 PM IST
    • ''पाकिस्तानियों और बांग्लादेशियों को देश से बाहर निकला जाए''
    • राज ठाकरे ने किया मजबूर
    • मनसे ने झंडे का रंग बदला, तो उद्धव ठाकरे का बयान आया
    • सामना में आया बयान
    • तंज कसा राज ठाकरे पर
सोनिया से पूछे बिना उद्धव की पाकिस्तानियों और बांग्लादेशियों को बाहर करने की मांग

मुंबई. अगर ऐसा चला तो बड़ी मुश्किल होगी महाराष्ट्र की सरकार के लिए. शिवसेना अपने बोल बोलेगी तो कांग्रेस और एनसीपी उसके बाल नोचेगी. सीधी सी बात है, मुस्लिम-तुष्टीकरण वाली पार्टियां कांग्रेस और नेशनल कांग्रेस दोनों के लिए शिवसेना को कंधे पर उठाये रखना तब मुश्किल हो जाएगा. ऐसा ही कुछ हो भी रहा है, अब शिवसेना ने मांग कर डाली है कि पाकिस्तानियों और बांग्लादेशियों को देश से बाहर निकला जाए.

सामना में आया बयान 

''देश में घुसे पाकिस्तानी और बांग्लादेशी मुसलमानों को निकालो'' - ये आवाज़ बुलंद की है शिवसेना ने और इस सिलसिले में पार्टी ने अपना यह 'क्रांतिकारी' विचार अपने मुखपत्र सामना में प्रस्तुत किया है. शिवसेना ने आगे कहा कि इन लोगों को तो निकालना ही चाहिए, इसमें कोई संदेह ही नहीं पर इसके लिए किसी राजनीतिक दल को अपना झंडा बदलना पड़ जाए तो ये बात तो बड़ी मज़ेदार है. शिवसेना की मांग का अगला हिस्सा दरअसल राज ठाकरे की पार्टी पर कसा गया तंज है.

एक तीर से दो निशाने 

शिवसेना ने एक तीर से दो निशाने लगाये हैं. एक तो मूल रूप से इस भगवा राजनैतिक दल ने अपने वोटरों को फिर से याद दिला दिया है कि उनका उग्र-राष्ट्रवाद ही उनकी पहचान है. दूसरा, इसी बहाने उन्होंने महाराष्ट्र में अपने प्रतिद्वंद्वी राजनैतिक दल मनसे पर व्यंग्य भी कर दिया है. इसका कारण हाल ही में राज ठाकरे द्वारा अपनी पार्टी के झंडे का रंग बदला जाना है. मनसे के नए झंडे का रंग भगवा हो गया है.

तंज कसा राज ठाकरे पर 

उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र में भाजपा के बाद जिनसे सबसे अधिक राजनैतिक भय है, वह है उनके चचेरे भाई राज ठाकरे और उनकी पार्टी से. कारण साफ़ है, उद्धव ने अपनी चाल भी बदल ली है और चरित्र भी. किन्तु इस तरह राज ठाकरे को उन्होंने अवसर दे दिया है कि महाराष्ट्र में उग्र-राष्ट्रवाद और हिन्दुवाद का झंडा बुलंद करके वे अपनी राजनीति चमका सकें. राज ठाकरे ने भी तुरंत अपने झंडे कर रंग बदल कर भगवा कर लिया जिसको देख कर अचानक उद्धव ठाकरे में समझदारी का जागरण हुआ और उन्होंने पाकिस्तानियों और बांग्लादेशियों के विरुद्ध वक्तव्य दे कर अपनी जनता को ये सन्देश दे दिया है कि वे अपनी राह से भटके नहीं हैं.

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