नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों को माल एवं सेवा कर (GST) के दायरे में लाने से पेट्रोल, डीजल पर कर और कम होगा और इससे केंद्र एवं राज्य सरकारों के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी.
पेट्रोल डीजल की कीमतों पर बोले नितिन गडकरी
नितिन गडकरी ने कहा कि राज्य सरकारों का समर्थन मिलने पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की कोशिश जरूर करेंगी.
उन्होंने कहा, ‘‘जीएसटी परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री भी सदस्य होते हैं. कुछ राज्य पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने के खिलाफ हैं. पेट्रोल, डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाएगा, तो इन पर कर कम हो जाएगा और केंद्र और राज्यों दोनों का राजस्व बढ़ेगा.’’
GST परिषद ने खारिज की मांग
जीएसटी परिषद ने अपनी 17 सितंबर की बैठक में पेट्रोल और डीजल को माल एवं सेवा कर के दायरे से बाहर रखने का निर्णय किया था.
वही केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमश: पांच और 10 रुपये की कटौती से संबंधित सवाल पर गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने आम आदमी को राहत देने के लिए अच्छा कदम उठाया है.
उन्होंने कहा कि जिस तरह से केंद्र ने आम आदमी को राहत देते हुए उत्पाद शुल्क में कटौती है, उम्मीद है कि राज्य सरकारें भी इसका अनुसरण करेंगी और मूल्यवर्धित कर (वैट) में कटौती करेंगी. इससे आम आदमी को और राहत मिल सकेगी.
इन आरोपों पर कि केंद्र ने 30 विधानसभा क्षेत्रों और तीन लोकसभा सीटों के उपचुनावों के नतीजों के मद्देनजर यह कदम उठाया है, गडकरी ने कहा कि राजनीति हमारे लिए सामाजिक-आर्थिक सुधारों का माध्यम है. ‘‘हम चुनाव जीतने के लिए राजनीति नहीं करते.’’
मोदी सरकार ने बिछाया सड़कों का जाल
नितिन गडकरी ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा बनाई गई सड़कों की गुणवत्ता के बारे में कहा कि उनका मंत्रालय भ्रष्टाचार मुक्त है. किसी के पास उनके या उनके अधिकारियों के खिलाफ कोई आरोप नहीं है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, सिर्फ इसलिए कि सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, हम यह नहीं कह सकते कि सड़क की गुणवत्ता खराब है.
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