लखनऊः UP Election 2022 BSP Mayavati Akash Anand: Uttar Pradesh में चुनावी हलचल शुरू हो गई है. सभी दल इस चुनावी मैदान में अपना झंडा बुलंद करने के लिए तैयारी शुरू कर चुके हैं. भाजपा, सपा, कांग्रेस के अलावा प्रदेश में निगाह जाती है नीले सैलाब पर. यानी की बसपा पर. पिछले दिनों बसपा ने लखनऊ में एक सम्मेलन किया था. इस दौरान वह सिर्फ बहुजन की नहीं बल्कि सर्वजन की बात कर रही थीं.
सीधे तौर पर ब्राह्मणों की बात कर रही थीं. मंच से जय परशुराम और हर-हर महादेव के नारे गूंजते सुनाई दे रहे थे. ये बात आई गई और हो गई, लेकिन बसपा जिस तरह के कदम उठा रही है, उससे लग रहा है कि ब्राह्मण वाली लीक पर चलने के लिए पार्टी बहुत सीरियस है.
बसपा साफ कर रही परिवारवाद का आरोप
इस गंभीरता का अंदाजा एक और बात से हो रहा है. वो ये कि बसपा सुप्रीमो ने अपने भतीजे आकाश आनंद साइड लाइन कर दिया है. इस कदम से बसपा न सिर्फ ब्राह्मणों को साधने की ओर एक कदम बढ़ा रही है, बल्कि इसी के साथ खुद पर लग रही परिवारवाद वाले आरोप गर्द भी साफ कर रही है.
जनवरी 2019 में बसपा सुप्रीमो मायावती ने संगठन को मजबूत करने के लिए अपने भतीजे आकाश आनंद को नेशनल कोआर्डिनेटर बनाया था. आकाश आनंद 2022 में यूपी में होने वाले विधानसभा चुनावों लेकर काफी सक्रिय भी दिख रहे थे. बल्कि उन्होंने तो बाकायदा सोशल मीडिया टीम भी बना ली थी. जिससे बड़ी संख्या में पार्टी के समर्थक जुड़े थे.
शुरू में काफी सक्रिय थे आकाश
शुरू में तो आकाश ट्विटर पर पर काफी एक्टिव थे. सोशल मीडिया के माध्यम से वह लगातार विपक्षी पार्टियों पर हमला भी बोल रहे थे. इसके साथ ही आकश ने दिल्ली में 2 और पंजाब में एक जनसभा की. पंजाब के फगवाड़ा में शिरोमणि अकाली दल-बीएसपी गठबंधन की पहली रैली में सुखबीर सिंह बादल के साथ मंच साझा किया था.
इस मंच से उन्होंने मायावती का पत्र भी पढ़ा था जिसके बाद यह लग रहा था कि अब जल्द ही बसपा की कमान मायावती अपने भतीजे को सौप देंगी.
पार्टी में साइडलाइन दिख रहे हैं आकाश
इधर कुछ दिनों से आकाश आनंद पार्टी में साइड लाइन दिख रहे हैं. वह न तो सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं और न ही वह किसी पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं. माना यह जा रहा है कि मायावती यह सोच रही हैं कि आकाश आनंद के एक्टिव होने से ब्राह्मणों में नाराजगी हो सकती है क्योंकि इधर मायावती ने ब्राह्मण वोटों को अपने पाले में लाने के लिए बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को आगे किया था.
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पहले भाई, अब भतीजा भी साइडलाइन?
बीच में चर्चा यह भी थी कि 2022 में बसपा की तरफ से मुख्यमंत्री चेहरा सतीश चंद्र मिश्रा हो सकते हैं, लेकिन इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई. उधर सतीश चंद्र मिश्रा के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में कई जगह उनके लड़के कपिल मिश्रा पर साफ-साफ दिखाई दे रहे थे, लेकिन मायावती ने फिर एक चुनावी दांव चलते हुए अपने भतीजे आकाश को किनारे कर दिया है ताकि ब्राह्मण वोटरों में यह संदेश न जाए कि मायावती भी परिवारवाद कर रही हैं और बसपा सिर्फ दलितों की पार्टी है.
आकाश आनंद मायावती के भाई आनंद के लड़के हैं. 2017 विधानसभा चुनाव से पहले मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया था. उस वक्त भी पार्टी और बामसेफ से विरोध होने की वजह से आनंद कुमार साइडलाइन कर दिए गए थे. इसबार इनके बेटे आकाश आनंद के साथ भी वही होता दिख रहा है.
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