वास्तव फिल्म देख कर बनाया था फ्रैक्चर गैंग, फिल्मी तरीके से करता था अपराध

उत्तर प्रदेश का एक ऐसा अपराधी जो फिल्में देखकर अपराध को नए-नए तरीकों स अंजाम देता था. अपराधी शोएब 4 साल से पुलिस की आंखों में धूल झोंक रहा था, जिसे यूपी STF ने गिरफ्तार कर लिया है.

Written by - Tushar Srivastava | Last Updated : Apr 5, 2021, 03:47 PM IST
  • प्रयागराज के डॉक्टर को गोलियों से भूनने वाला गिरफ्तार
  • 4 साल बाद शोएब को यूपी एसटीएफ ने दबोच लिया
वास्तव फिल्म देख कर बनाया था फ्रैक्चर गैंग, फिल्मी तरीके से करता था अपराध

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में खूंखार अपराध को अंजाम देने वाला अब कानून के बेड़ियों में जकड़ा जा चुका है. 2017 में प्रयागराज के कीडगंज में स्थित जीवन ज्योति अस्पताल के मालिक एके बंसल के मर्डर के मामले फरार चल रहे आरोपी शोएब को यूपी STF ने दबोच लिया.

पहले गोली मारी, फिर असलहा लहराया

13 जनवरी, 2017 को डॉक्टर एके बंसल अपने अस्पताल में मरीजों को देख रहे थे. उसी वक्त मरीज बनकर आए बदमाश ने तीन गोलियां उनके शरीर में उतार दी और फिर असलहा लहराते हुए भाग निकला. डॉक्टर बंसल के सुरक्षा गार्ड ने उसका पीछा भी किया था, लेकिन आरोपी भागने में सफल हो गया था.

हत्यारे की भागते हुए वीडियो CCTV में कैद भी हुआ था, लेकिन 4 साल तक इस मामले में पुलिस के हाथ खाली रहे लेकिन STF चार सालों से हत्यारों की तलाश कर रही थी. इस बीच यूपी एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक सिंह को अपने मुखबिर से एक जानकारी हासिल हुई. प्रतापगढ़ में एक 307 के मामले में 50 हजार रुपए के इनामिया की सूचना मिली.

लखनऊ के चिनहट में छिपा था शोएब

मुखबिरी में पता चला कि वो लखनऊ के चिनहट इलाके में छुपा हुआ है, जिसके बाद STF ने आरोपी शोएब को धर दबोचा STF ने जब कड़ाई से पूछताछ की तब पता चला कि शोएब, यासिर और मकसूद ने मिलकर आलोक सिन्हा के कहने पर एक बंसल की हत्या की थी. क्योंकि डॉक्टर बंसल ने अपने बेटे के मेडिकल में एडमिशन के लिए आलोक सिन्हा को 55 लाख रुपए दिए. जिसे लेकर आलोक सिन्हा फरार हो गया था, डॉक्टर बंसल ने प्रयागराज में आलोक सिन्हा पर फ्रॉड का मुकदमा दर्ज कराया था.

इसी के बाद पुलिस ने आलोक सिन्हा को जेल भेज दिया और एके बंसल आलोक सिन्हा पर बार-बार पैसे वापस करने का दबाव बना रहे थे. जिसके बाद आलोक सिन्हा ने एक बंसल को मारने की ठान ली. नैनी जेल में ही आलोक सिन्हा की मुलाकात दिलीप मिश्रा से हुई. दिलीप मिश्रा की पहले से ही डॉक्टर बंसल से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था.

दिलीप मिश्रा ने जेल में आलोक सिन्हा की मुलाकात अख्तर कटरा से करवाई जहा अख्तर कटरा ने यासिर ,मकसूद और शोएब को डॉक्टर बंसल को मारने के लिए हायर किया और 70 लाख में डील तय हुई. डाक्टर बंसल की हत्या के बाद शोएब और मकसूद ने अपने साथी यासिर को पैसों के लेन देन के विवाद में हत्या कर दी.

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हालांकि इन शूटरों ने ये कोई पहली हत्या नहीं की थी, इससे पहले भी 2015 में प्रतापगढ़ में बस रोक कर चुनमुन पांडेय की हत्या कर दी थी. एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि इन तीनों ने अपने गैंग का नाम फ्रैक्चर गैंग रखा था. अगर किसी को हाथ पैर तोड़ होना या मर्डर करवाना था तो बकायदा इन्होंने इसके लिए एक कथित रूप से ऑफिस भी खोल रखा था और अक्सर अपना टेरा कायम करने के लिए फायरिंग भी किया करते थे.

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