Valentine's Day February 14 Pulwama terror attack को भूल न जाना

पुलवामा हमले के बाद पीएम मोदी ने संसद में पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा था कि कश्मीर में खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकता. पुलवामा के शहीदों का बदला ठीक उनकी तेरहवीं के दिन लिया गया. 26 फरवरी 2019 को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को सर्जिकल स्ट्राइक में तहस नहस कर दिया गया.

Written by - raghunath saran | Last Updated : Feb 14, 2021, 07:24 AM IST
  • पुलवामा में CRPF के शहीद जवानों की याद में पिछले साल ही स्मारक बना
  • पिछले दो सालों में जम्मू-कश्मीर हाइवे पर आतंकी बड़े हमले नहीं कर पाए हैं
Valentine's Day February 14  Pulwama terror attack को भूल न जाना

नई दिल्लीः आज 14 फरवरी है. बाजार Valentine's Day बेच रहा है. सवाल तो ये है कि गुलाब में लिपटी रुमानियत के बीच क्या हमें पुलवामा की याद है भी या नहीं. आज पुलवामा हमले की दूसरी बरसी है. उस आतंकी हमले में CRPF के 40 जवानों ने शहादत दी थी. श्रीनगर से 30 किलोमीटर दूर अवंतीपोरा इलाके के लाटूमोड़ पर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने CRPF के काफिले पर फिदायीन हमला किया था.

76वीं बटालियन की बस से आरडीएक्स से भरी कार टकरा दी थी. धमाका इतना तगड़ा था कि पलभर में बस के परखच्चे उड़ गए. और जम्मू-कश्मीर हाइवे पर सौ मीटर के दायरे में बिखरे क्षत-विक्षत शवों की तस्वीर किरचों की तरह दिलोदिमाग में जा धंसी. पुलवामा, जिसकी पहचान कश्मीर में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन वाले इलाके की थी, इस आतंकी वारदात ने उसकी पहचान खून से लथपथ कर दी थी.

पुलवामा के लेथपोरा इलाके में CRPF के उन चालीस शहीद जवानों की याद में पिछले साल ही स्मारक बनाया गया. अब पुलवामा की दूसरी बरसी पर CRPF ने उन शहीदों को ये कहते हुए याद किया है.

'तुम्हारे शौर्य के गीत, कर्कश शोर में खोये नहीं,
गर्व इतना था कि हम देर तक रोये नहीं.'

'पुलवामा' के बाद कितने चाक-चौबंद हुए हम?
पुलवामा हमले के बाद CRPF की इंटर्नल जांच में ये पता चला था कि काफिले पर आईईडी हमले का अलर्ट तो था, लेकिन कार के जरिये फिदायीन हमले की कोई चेतावनी नहीं थी.

पुलवामा की दूसरी बरसी पर CRPF की ओर कहा गया है कि -'इन दो सालों में काफी कुछ बदला है. पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर हाइवे को ड्रोन, CCTV और कई अत्याधुनिक तकनीकों से पूरी तरह सुरक्षित किया गया है. काफिला चलते समय खास तरह के SOP का इस्तेमाल किया जा रहा है. नये बुलेटप्रूफ वाहन, नए हथियार, अत्याधुनिक गोलाबारूद तो है ही, आरओपी के लिये बड़ी तादाद में जवान तैनाती की गई है.

यही वजह है कि पिछले दो सालों में जम्मू-कश्मीर हाइवे पर आतंकी चाहकर भी बड़े हमले को अंजाम नहीं दे पाए हैं.'

पुलवामा हमले के बाद पीएम मोदी ने संसद में पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा था कि कश्मीर में खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकता. पुलवामा के शहीदों का बदला ठीक उनकी तेरहवीं के दिन लिया गया. 26 फरवरी 2019 को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को सर्जिकल स्ट्राइक में तहस नहस कर दिया गया.

पाकिस्तानी राजनयिक के कबूलनामे में खुला राज

अभी पिछले महीने पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक आगा हिलाली ने एक टीवी डिबेट में कबूला कि - 'बालाकोट हमले में तीन सौ से ज्यादा आतंकी मारे गए थे.' इससे पहले पाकिस्तान अपनी नाक बचाने के लिये बालाकोट हमले में आतंकियों की मौतों को खारिज कर रहा था.

पाकिस्तान ने पुलवामा हमले के लिये जैश के आतंकियों को 80 किलोग्राम आरडीएक्स मुहैया कराया था. उसके जवाब में बालाकोट पर आठ हजार किलोग्राम बम गिराए गए थे.

पुलवामा हमले की जांच में खुला महिला आतंकी का खेल
राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA पिछले साल 25 अगस्त को पुलवामा आतंकी हमला केस में में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. जम्मू की स्पेशल कोर्ट में दायर ये चार्जशीट साढ़े तेरह हजार पन्नों की है. इसमें 19 आरोपी है, जिसमें इंसा जान नाम की एक महिला आतंकी भी शामिल है.

इसके 19 आरोपियों में जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर और रऊफ असगर भी शामिल है. छह आरोपी मारे जा चुके हैं. सात पकड़े जा चुके हैं. NIA की अबतक की जांच के मुताबिक पुलवामा हमले का मुख्य आरोपी जैश-ए- मोहम्मद का पाकिस्तानी कमांडर मोहम्मद उमर फारूक था, जो मसूद अजहर का भतीजा था.

उमर फारूक अप्रैल 2018 में सांबा सेक्टर के रास्ते कश्मीर में घुसा था. वो कश्मीर में जैश की महिला आतंकी इंशा जान के संपर्क में था. इंसा जान और उसके पिता ने उमर फारुक के छिपने और रहने-खाने का बंदोबस्त किया था. पुलवामा हमले के कुछ दिन बाद उमर फारुख को पिगलिश इलाके में मुठभेड़ में मार गिराया गया. तभी इंसा जान का भेद खुला था.

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने दिये थे 10 लाख रुपये
NIA की जांच में ये बात भी खुल गई कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने पुलवामा आतंकी हमले के लिए आतंकी उमर फारुख को दस लाख रुपये दिये थे. पुलवामा आतंकी हमले को अंजाम दिया था काकापोरा के फिदायीन आतंकी आदिल अहमद डार ने जो एक साल पहले ही जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था.

पुलवामा आतंकी हमले के कुछ देर बाद ही आतंकी आदिल अहमद का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो कहता सुनाई दे रहा था कि जब तक यह वीडियो तुमलोगों तक पहुंचेगा. उस समय मैं जन्नत में मजे लूट रहा होऊंगा.हमारे कुछ कमांडरों को मारकर तुम हमें कमजोर नहीं कर पाओगे.

पुलवामा के बाद अबतक पौने चार सौ आतंकी ढेर
पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में अतंकियों की सफाई के लिए सुरक्षाबलो ने ज्वांइंट ऑपरेशन शुरू किया. CRPF का दावा है कि इस अभियान में पिछले दो सालों में पौने चार सौ आतंकी ढेर किया जा चुके हैं. घाटी में आतंकवाद की कमर पूरी तरह टूट चुकी है.

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