लोकसभा में पारित हुआ केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2023, जानिए क्या है सरकार का मकसद?

Central Universities (Amendment) Bill, 2023: केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2023 का पारित होना भारत में आदिवासी आबादी के लिए सुलभ और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Dec 8, 2023, 05:00 PM IST
  • विधेयक में जनजातीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रावधान है
  • तेलंगाना में एक केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रावधान
लोकसभा में पारित हुआ केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2023, जानिए क्या है सरकार का मकसद?

Central Universities (Amendment) Bill, 2023: लोकसभा ने 7 दिसंबर, 2023 को ध्वनि मत से केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित कर दिया. यह कानून केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 में संशोधन करता है, जिसका उद्देश्य भारत के विभिन्न राज्यों में शिक्षण और अनुसंधान के लिए समर्पित केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करना है.

विधेयक में जनजातीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रावधान है, जिसे मुख्य रूप से भारत की जनजातीय आबादी के लिए उच्च शिक्षा और अनुसंधान सुविधाएं प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है. विधेयक में तेलंगाना में एक केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रावधान है जिसका नाम 'सम्मक्का सरक्का केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय' (Sammakka Sarakka Central Tribal University) होगा.

लोकसभा में हुई बहस, शिक्षा मंत्री ने दिया ये जवाब
विधेयक पर संसदीय बहस का जवाब देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 'सम्मक्का सरक्का केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय' पर लगभग 900 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. उन्होंने विश्वविद्यालय की स्थापना में देरी के संबंध में भी चिंताओं को जाहिर किया और तेलंगाना सरकार द्वारा संस्थान के लिए उपयुक्त स्थान दिलाने में देरी को जिम्मेदार ठहराया.

किसने क्या कहा?
चर्चा के दौरान, भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की आवश्यकता को जरूरी बताया, जबकि कांग्रेस नेताओं ने एससी और एसटी के लिए आरक्षित रिक्तियों को भरने की मांग की.

शिवसेना के राहुल शेवाले ने क्षेत्रीय आकांक्षाओं की पूर्ति पर जोर देते हुए विधेयक के प्रति समर्थन व्यक्त किया और सरकार से महाराष्ट्र में एक राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का आग्रह किया.

कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आदिवासी आबादी की वृद्धि और विकास के लिए शिक्षा प्रमुख निर्धारक है. उन्होंने सरकार से उच्च शिक्षा में आदिवासियों के मौजूदा सकल नामांकन अनुपात के बारे में जानना चाहा. 

वहीं, केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2023 का पारित होना भारत में आदिवासी आबादी के लिए सुलभ और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है.

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