लखनऊ: उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने यूपी बोर्ड की सभी परीक्षाएं रद्द करने का फैसला किया है.
सभी छात्र बड़ी बेसब्री से ये बात जानना चाहते हैं कि उनकी मार्किंग किस आधार होगी अर्थात उन्हें किस आधार पर 10वीं या 12वीं का अंकपत्र (रिजल्ट) मिलेगा.
पिछली कक्षा के फाइनल मार्क्स को बनाया जाएगा आधार
छात्रों को उनके प्री-बोर्ड और पिछले कक्षा के फाइनल एग्जाम के मार्क्स के आधार पर पास किया जाएगा, मगर इस पॉलिसी में अभी और संशोधन बाकी है. यूपी बोर्ड सामने विवाद रहित मानक प्रणाली तैयार करने की भी चुनौती है.
यूपी बोर्ड इस बात पर भी विचार कर रहा है अगर कोई छात्र अपने नम्बर से असंतुष्ट रहता है तो उसे दोबारा परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा. यदि कोई छात्र प्री बोर्ड में फेल हुआ था तो उसे अगले साल परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा. अहम बात ये है कि उसे मार्क शीट 2021 की ही मिलेगी.
CBSE बोर्ड पर राज्य सरकारों की निगाहें
CBSE बोर्ड ने भी छात्रों को पास करने के लिए एक मार्किंग फॉर्मूला तैयार करने की कवायद शुरू की है जिसके लिए 12 अधिकारियों की एक कमेटी गठित की गई है. संभव है कि यूपी बोर्ड भी इस समिति की रिपोर्ट का इंतजार करे.
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यूपी बोर्ड ने कहा है कि जो छात्र परीक्षा देना चाहेंगे, वे इसके लिए आवेदन कर देंगे और महामारी की स्थिति सुधरने के बाद इन छात्रों के लिए अलग से परीक्षा आयोजित की जा सकती है.