नई दिल्ली: धर्म के अपमान को लेकर एक बार माहौल गरमा गया है, 'सिर तन से जुदा' के नारे फिर गूंजने लगे हैं. एक बार फिर दो समुदायों में तनाव पैदा करने वाली कोशिशें तेज हो गईं. टी राजा सिंह ने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान दिया है. आखिर कौन हैं टी राजा? क्या उन्होंने पहली मर्तबा ऐसा किया?
कौन हैं टी राजा?
हैदराबाद के गोशामहल से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक हैं. बीजेपी से पहले वो TDP से जुड़े थे. तेलंगाना में बीजेपी गौ रक्षा के संयोजक रहे हैं. कट्टर हिंदुत्ववादी छवि वाले नेता हैं. उन्होंने मुस्लिम समुदाय पर विवादित बयान दिए हैं. फेसबुक ने इन्हें 'खतरनाक व्यक्ति' बताया.
टी राजा के बयान की वजह
बीजेपी विधायक टी राजा को लेकर कई दिनों से खबरें आ रही थी कि वो मुनव्वर फारूकी की कॉमेडी से नाराज हैं. देवी-देवताओं के मजाक पर विरोध कर रहे हैं. उन्होंने हैदराबाद में शो रुकवाने की कोशिश की. शो नहीं रुका और वो हिरासत में लिए गए थे. मुनव्वर फारूकी का शो होने से नाराज थे. उन्होंने फारूकी की भाषा में जवाब देने की कोशिश की और मजाक के चक्कर में सीमा लांघ दी.
टी राजा के 6 विवादित बयान
1). वर्ष 2018 के फरवरी महीने में टी राजा ने कहा था कि RSS से जुड़े बिना सच्चे हिंदू नहीं बन सकते है.
2). वर्ष 2018 के जून महीने में उन्होंने बोला था कि वोट पाने के लिए इफ्तार पार्टी दी जाती है.
3). वर्ष 2017 के नवंबर महीने में उन्होंने फिल्ममेकर्स की पत्नियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी.
4). वर्ष 2017 के जुलाई महीने में उन्होंने प. बंगाल के हिंदुओं की कश्मीरी पंडितों से तुलना कर दी थी.
5). वर्ष 2017 के मई महीने में हैदराबाद ओल्ड सिटी को 'मिनी पाकिस्तान' बताया था.
6). वर्ष 2017 के अप्रैल महीने में उन्होंने राम मंदिर निर्माण के खिलाफ बोलने वालों को धमकी दी थी.
टी राजा सिंह ने पेश की सफाई
पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी का आरोप के बाद टी राजा की मुश्किलें बढ़ गई हैं. बीजेपी ने पार्टी से उन्हें निलंबित कर दिया है. टी राजा को कारण बताओ नोटिस देकर, बीजेपी ने 10 दिन में जवाब मांगा है. हैदराबाद में मुस्लिमों का प्रदर्शन देखे जा रहे हैं और एक बार फिर 'सिर तन से जुदा' के नारे लगाए गए.
हालांकि इस बीत टी राजा ने अपनी सफाई पेश करते हुए कहा है कि 'मैंने पैगंबर का नाम नहीं लिया. किसी का अपमान नहीं किया. फारूकी के शो का विरोध किया. शो के विरोध में वीडियो डाला. मेरे लिए सबसे पहले मेरा धर्म, मेरे लिए भगवान राम सबकुछ है. मैं मर जाने के लिए भी तैयार हूं.'
तेलंगाना से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विवादित विधायक राजा सिंह को हैदराबाद पुलिस ने कथित तौर पर एक वीडियो में पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ बयानबाजी करने के आरोप में मंगलवार को गिरफ्तार किया. हालांकि, बाद में उक्त विवादित वीडियो को सोशल मीडिया मंच से हटा दिया गया.
बीजेपी से निलंबित हुए राजा
राजा सिंह की टिप्पणी को लेकर बढ़े विवाद के बीच भाजपा ने भी उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है. भाजपा विधायक ने स्टैंड-अप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी की आलोचना करते हुए सोमवार को एक वीडियो जारी किया था. इस वीडियो में वह कुछ टिप्पणी करते नजर आ रहे हैं जो प्रतीत होता है कि इस्लाम के विरुद्ध है.
फारूकी ने हाल ही में शहर में एक कार्यक्रम में प्रस्तुति दी थी. 'ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन' (एआईएमआईएम) ने दावा किया कि सिंह ने पैगंबर मोहम्मद के विरुद्ध कथित अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया है.
ओवैसी को आया गुस्सा!
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'यह सुनिश्चित करना भाजपा की आधिकारिक नीति है कि मुस्लिम हमेशा भावनात्मक और मानसिक रूप से यातना का सामने करें, इसके लिए वह अपने सदस्यों को इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करने की अनुमति देती है जिसे हम पैगबंर मोहम्मद के बारे में सड़क छापा भाषा कहते हैं. भाजपा द्वारा जानबूझकर अपने सदस्यों को इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाती है.'
ओवैसी ने पैगंबर मोहम्मद के विरुद्ध भाजपा नेता नूपुर शर्मा द्वारा की गई कथित टिप्पणी के बाद हंगामा और उन्हें पार्टी से निलंबित करने का संदर्भ देते हुए कहा, 'उन्होंने नूपुर शर्मा से सबक नहीं सीखा. यह नूपुर शर्मा जो कहा उसकी अगली कड़ी है.'
मोहम्मद वजीउद्दीन सलमान नामक व्यक्ति द्वारा दबीरपुरा पुलिस थाने में राजा सिंह के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई गई है जिसमें उनपर पैगंबर मोहम्मद के विरुद्ध अश्लील भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है. भाजपा नेता की गिरफ्तारी की मांग करते हुए समुदाय के कई लोगों ने सोमवार रात हैदराबाद के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया.
राजा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग
एआईएमआईएम सूत्रों ने बताया कि पार्टी के कई विधायक और वृहद हैदराबाद नगर निगम के कई पार्षद विभिन्न थानों में पहुंचे और प्रदर्शन कर राजा सिंह के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की. पुलिस ने बताया कि सिंह के विरुद्ध कई पुलिस थानों में शिकायत दर्ज कराई गई है.
दबीरपुर पुलिस थाने के निरीक्षक जी कोटेश्वर राव ने बताया कि उन्हें सिंह के विरुद्ध एक शिकायत मिली है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि भाजपा विधायक ने एक धर्म विशेष के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणियां की हैं. राव के मुताबिक, सिंह के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों में शत्रुता को बढ़ावा देने, जानबूझकर और दुर्भावनार्पूण कृत्य करने, धर्म व धार्मिक मान्यताओं का अपमान करके किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने की मंशा तथा आपराधिक धमकी के आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की गई है.
वीडियो क्लिप का 'दूसरा हिस्सा' करेंगे अपलोड
गोशामहल से विधायक सिंह ने गिरफ्तारी के दौरान पत्रकारों से कहा कि उन्होंने जिस सोशल मीडिया साइट पर अपना वीडियो साझा किया था, उसने उसे हटा दिया है और वह रिहा होने के बाद इस वीडियो क्लिप का 'दूसरा हिस्सा' अपलोड करेंगे.
टी राजा सिंह ने कहा, 'उन्होंने यूट्यूब से मेरी वीडियो हटा दी. मुझे नहीं पता कि पुलिस क्या करने जा रही है. जब मैं रिहा हो जाऊंगा तो निश्चित तौर पर वीडियो का दूसरा हिस्सा अपलोड करूंगा. मैं यह धर्म के लिए कर रहा हूं. मैं धर्म के लिए मरने को भी तैयार हूं.'
राजा सिंह ने अपनी सफाई में क्या कहा?
राजा सिंह ने यह जानना चाहा कि उनके खिलाफ विभिन्न पुलिस थानों में इतनी शिकायतें क्यों दर्ज की गईं. उन्होंने कहा, 'शिकायतें क्यों दर्ज की गईं? हमारे राम, राम नहीं हैं? हमारी सीता, सीता नहीं है? मैंने डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) से हाथ जोड़कर अनुरोध किया था कि वह राम और सीता के विरुद्ध अभद्र भाषा में कॉमेडी करने वाले व्यक्ति (मुनव्वर फारूकी ) को कार्यक्रम की अनुमति न दें.'
इस बीच, कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद के विरुद्ध विवादित टिप्पणी के बाद भाजपा ने सिंह को निलंबित कर 10 दिनों में उन्हें यह बताने को कहा है कि क्यों न उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जाए. भाजपा की केंद्रीय अनुशासनात्मक समिति के सचिव ओम पाठक की ओर से जारी एक बयान में सिंह को पार्टी से निलंबित किए जाने की जानकारी दी गई.
नोटिस में क्या कहा गया?
इस संबंध में ओम पाठक की ओर से सिंह को भेजे गए एक नोटिस में कहा गया, 'आपने विभिन्न मुद्दों पर पार्टी की राय से अलग विचार व्यक्त किए हैं, जो कि भाजपा के संविधान के नियम एक्स एक्स फाइव 10 (ए) का उल्लंघन है. मुझे आपको बताने का निर्देश दिया गया है कि आगे की जांच तक आपको पार्टी से तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है और सभी दायित्वों से मुक्त किया जाता है.'
ओम पाठक ने सिंह से 10 दिनों के भीतर यह जवाब देने को भी कहा कि क्यों ना उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया जाए. उन्होंने कहा, 'आपका हस्ताक्षरित विस्तृत जवाब दो सितंबर 2022 तक मिल जाना चाहिए.'
गौरतलब है कि सिंह को विवादित टिप्पणियों के लिए जाना जाता है. इस साल के शुरुआत में कहा था कि जो उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का समर्थन नहीं करेंगे वे 'देशद्रोही' हैं और उन्हें विधानसभा चुनाव के बाद इसके नतीजे भुगतने होंगे.
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