इस दिन होगा उत्तराखंड के नए CM का ऐलान, रेस में आगे हैं ये दिग्गज नेता

नए मुख्यमंत्री के चयन के लिए देहरादून में सोमवार को भाजपा विधायक दल की बैठक होने की संभावना है और इसी में नए सीएम के नाम पर मुहर लगेगी.   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 19, 2022, 06:01 PM IST
  • कई नेता कर रहे धामी को सीएम बनाने की मांग
  • खटीमा से चुनाव हार चुके हैं धामी
इस दिन होगा उत्तराखंड के नए CM का ऐलान, रेस में आगे हैं ये दिग्गज नेता

देहरादून: उत्तराखंड में भाजपा ने लगातार दूसरी बार सत्ता पर कब्जा किया. हालांकि नतीजे आए 9 दिन हो चुके हैं लेकिन पार्टी सीएम के नाम का ऐलान नहीं कर सकी है. इस बीच BJP की ओर से कहा गया है कि सोमवार को विधायक दल की बैठक बुलाई है.

नए मुख्यमंत्री के चयन के लिए देहरादून में सोमवार को भाजपा विधायक दल की बैठक होने की संभावना है और इसी में नए सीएम के नाम पर मुहर लगेगी. 

राजनाथ सिंह और मीनाक्षी लेखी होंगी शामिल

भाजपा की उत्तराखंड इकाई के प्रवक्ता शादाब शम्स ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लिए पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह और मीनाक्षी लेखी बैठक में शामिल होने के लिए एक दिन पहले रविवार को या फिर उसी दिन देहरादून पहुंच सकते हैं. 

शम्स के मुताबिक, शपथ ग्रहण समारोह मंगलवार को हो सकता है और इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कई भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के शामिल होने की संभावना है. कुमाऊं क्षेत्र में शनिवार को होली मनाए जाने के मद्देनजर वहां की विभिन्न विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक अभी भी वहीं हैं. 

खटीम से चुनाव हार चुके हैं धामी

भाजपा की उत्तराखंड इकाई के अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि इन नेताओं को अगले दो से तीन दिन में नई सरकार के गठन की संभावनाओं से अवगत करा दिया गया है और वे रविवार तक देहरादून पहुंच जाएंगे. खटीमा से हार के बावजूद पुष्कर सिंह धामी जहां मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं, वहीं चौबट्टाखाल के विधायक सतपाल महाराज, श्रीनगर के विधायक धन सिंह रावत और राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी भी इस पद के दावेदारों में शामिल हैं. 

भाजपा की उत्तराखंड इकाई के सूत्रों ने बताया कि धामी के दोबारा मुख्यमंत्री बनने की संभावना ज्यादा है, क्योंकि वह न केवल युवा और ऊर्जावान हैं, बल्कि भाजपा ने पहाड़ी राज्य में उनके नाम पर चुनाव लड़ा था और शानदार जीत दर्ज की. 

कई नेता कर रहे धामी को सीएम बनाने की मांग

सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के धामी के नाम पर मुहर लगाने का फैसला करने की एक और बड़ी वजह यह हो सकती है कि उसे पिछले कार्यकाल में बेहद कम समय में दो मुख्यमंत्रियों को बदलने के लिए काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. एक भाजपा नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “अगर उत्तर प्रदेश चुनाव में अपनी सीट गंवाने वाले केशव प्रसाद मौर्य को दोबारा उप-मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है तो धामी को मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया जा सकता है?” 

जानिए क्या कहता जातीय संतुलन

हालांकि, सूत्रों ने कहा कि अगर पार्टी किसी नए चेहरे का चयन करने का फैसला लेती है तो क्षेत्रीय और जातीय संतुलन बैठाना काफी अहम होगा. चूंकि, कुमाऊं के एक ब्राह्मण नेता अजय भट्ट को पहले ही केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया जा चुका है, ऐसे में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन बैठाने के लिए गढ़वाल के एक ठाकुर या राजपूत नेता को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना जा सकता है. 

अगर ऐसा होता है तो सतपाल महाराज या धन सिंह रावत, जो गढ़वाल के प्रमुख ठाकुर नेता हैं, मुख्यमंत्री पद के लिए पसंदीदा चेहरा बनकर उभर सकते हैं. नए मंत्रिमंडल में युवा चेहरों और महिलाओं को अधिक संख्या में शामिल किए जाने की भी चर्चा है. सौरभ बहुगुणा और रितु खंडूरी भूषण के नाम भी मंत्री पद के लिए संभावित हैं. सितारगंज से जीत दर्ज करने वाले सौरभ बहुगुणा पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के बेटे हैं, तो कोटद्वार से विजयी रितु खंडूरी भूषण भाजपा के दिग्गज नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी की बेटी हैं. 

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