नई दिल्ली: कोरोना पर किसी की कोई भविष्यवाणी सच नहीं मानी जा सकती थी अब से तीन माह पहले तक क्योंकि तब तक कोरोना क्या होता है दुनिया में एक प्रतिशत लोगों को भी नहीं पता था. और उसके भी चार माह पहले यदि किसी ने कोरोना की आहट पहचान ली हो तो उस विशेष व्यक्ति को अति-विशेष कहना ही होगा. भारत का यह अति-विशेष व्यक्ति एक चौदह वर्ष का बालक है जो अब दुनिया का जाना माना ज्योतिष-विशारद है.
बहुमुखी प्रतिभा का धनी है ये बालक
मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले अभिज्ञान आनंद विश्व के सबसे कम उम्र के ज्योतिषी, वास्तुविद और सोने के मूल्य विश्लेषक हैं. वह अपने विशेष विषय अर्थात आयुर्वेदिक माइक्रोबायोलॉजी के सबसे युवा पोस्ट ग्रेजुएट हैं और इसी तरह वास्तु शास्त्र में अपनी स्नातक अर्थात ग्रेजुएशन की डिग्री को भी सबसे कम उम्र में पूरा करने वाले छात्र हैं.
conscience है वीडियो चैनल
उनका और उनकी बहन का 700 से अधिक वीडियो के साथ एक चैनल है, जिसमें ज्योतिष, वास्तु शास्त्र और आयुर्वेद पर 300 से अधिक वीडियो हैं. उन्होंने वास्तु और ज्योतिष पर दुनिया भर के सैकड़ों ग्राहकों को परामर्श दिया है. और इतनी ही महत्वपूर्ण बात ये है कि दुनिया भर में अभिज्ञान के प्रशंसक हैं जो उनके वीडिओज़ नियमित तौर पर देखते हैं. इस भाई बहन के यूट्यूब चैनल के पचास लाख सब्सक्राइबर हैं.
ग्लोबल चाइल्ड प्रोडिजी हैं अभिज्ञ
दुनिया में किसी भी विषय पर धाराप्रवाह बोलने की क्षमता रखने वाले अभिज्ञान आनंद के पास आपके हर विषय के हर तरह के प्रश्नों का उत्तर है और वे दुनिया के सबसे अच्छे चंद वक्ताओं में एक हैं. उन्हें ग्लोबल चाइल्ड प्रोडिजी अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है, जो दुनिया में केवल शीर्ष सौ बाल प्रतिभाओं को दिया जाता है.
फाइनेंशियल एस्ट्रोलॉजी में कर रहे हैं शोध
अभिज्ञ आनंद चौदह साल की आयु के दुनिया के सबसे छोटे शोधार्थी भी हैं और उनके शोध अर्थात PhD का विषय भी विशेष है जो कि फाइनेंशियल एस्ट्रोलॉजी है. अपने यूट्यूब चैनल पर ज्योतिष के लिए शोध में डाईबेटालोजी पर अपना शोध प्रस्तुत किया है. साथ ही, उन्होंने मैसूर के DJCA से अपनी ज्योतिष रत्न, ज्योतिषा विशारदा और ज्योतिष विद्याभ्यास पूरा किया है। उन्होंने प्लैनेटरी ट्रांजिट्स और दुनिया पर उनके प्रभावों पर व्यापक शोध किया है।
संस्कृत के अध्येता भी रहे हैं अभिज्ञ
अभिज्ञ ने संस्कृत का विशेष तथा स्नातकोत्तर डिग्री समतुल्य अध्ययन भी किया है और अब वे प्रायः संस्कृत छात्रों को भी अवैतनिक रूप से पढ़ाया करते हैं. उन्होंने कर्नाटक विश्वविद्यालय से अपना साहित्य पाठ्यक्रम (साहित्य और अग्रिम व्याकरण) पूरा किया है और अपनी प्रवर अर्थात मास्टर्स के समतुल्य डिग्री को श्रीनगरी में सुरसरस्वती सभा से पूरा किया है.
वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ भी हैं अभिज्ञ
दुनिया में सबसे कम उम्र का वास्तु विशेषज्ञ हैं अभिज्ञान. , और डिजाइनिंग, गुणों के लिए सुधार भी करता है. उन्होंने महर्षि वेदव्यास इंटरनेशनल वर्चुअल वैदिक यूनिवर्सिटी से वास्तु शास्त्र पर स्नातक की डिग्री ली है. अब वे ज्योतिष एवं वास्तु परामर्श के परामर्श की प्रोफेशनल सेवायें देते हैं और उनके क्लाइंट्स दुनिया भर में फैले हुए हैं. इसके अतिरिक्त अभिज्ञ वास्तु शास्त्र के अनुसार फैक्ट्रीज, बिल्डिंग, ऑफिस स्पेस और रिहायशी घरों जैसी प्रॉपर्टीज की डिजाइन भी करवाते हैं.
आयुर्वेदाचार्य भी हैं अभिज्ञ
अभिज्ञ आनंद ने चौदह वर्ष की ही इस छोटी उम्र में आयुर्वेदिक माइक्रोबायोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा भी कर लिया है. अष्टांग हृदयम् और अन्य संहिताओं का अध्ययन के साथ ही उन्होंने बॉडी पर जंक फूड और मॉडर्न लाइफस्टाइल के प्रभाव पर अध्ययन किया है. इस अहम विषय पर उन्होंने 100 से अधिक स्कूलों और कॉलेजों में व्याख्यान दिया है जिनमें IIM अहमदाबाद, PSBB चेन्नई आदि शामिल हैं.
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