Gujarat: ऐतिहासिक खोज, सोमनाथ मंदिर के नीचे मिली 3 मंजिला इमारत

आपको बता दें कि 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक सोमनाथ महादेव के मंदिर के ठीक नीचे है तीन मंजिला इमारत के बारे में खुलासा हुआ है. यह खुलासा आईआईटी गांधीनगर और आर्कियोलॉजी डिपार्टमेंट के जरिए किए गए संशोधन में हुआ. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 30, 2020, 05:19 PM IST
  • पीएम मोदी के सुझाव पर शुरू हुआ था पुरातात्विक कार्य
  • सोमनाथ ट्रस्ट को होगा पूरा लाभ
Gujarat: ऐतिहासिक खोज, सोमनाथ मंदिर के नीचे मिली 3 मंजिला इमारत

गांधीनगर: भारत की संस्कृति बहुत महान और अद्वितीय है. भारत का गौरवशाली अतीत वर्तमान न्यू इण्डिया के लिए प्रेरणा है. गुजरात के सोमनाथ मंदिर से जुड़ी हुई एक बहुत बड़ी खोज हुई है. भगवान शिव की 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक सोमनाथ मंदिर का इतिहास बहुत ही गौरवपूर्ण है. अनेक विदेशी आक्रांताओं के आघात होने के बावजूद कोई भी आक्रमणकारी इसका कुछ नहीं कर सकता.

सोमनाथ मंदिर के नीचे दबी मिली 3 मंजिला इमारत

आपको बता दें कि 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक सोमनाथ महादेव के मंदिर के ठीक नीचे है तीन मंजिला इमारत के बारे में खुलासा हुआ है. यह खुलासा आईआईटी गांधीनगर और आर्कियोलॉजी डिपार्टमेंट के जरिए किए गए संशोधन में हुआ है.

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आईआईटी गांधीनगर और पुरातत्व विभाग के जरिए 2017 में हुए एक संशोधन में पता चला था कि देश के करोड़ों लोगों की आस्था के प्रतीक ज्योतिर्लिंग सोमनाथ महादेव के मंदिर परिसर में एक तीन मंजिला L-आकार की इमारत जमीन के भीतर दबी हुई है.

पीएम मोदी के सुझाव पर शुरू हुआ था पुरातात्विक कार्य

गौरतलब है कि 2017 में सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट की मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रभास पाटन और  सोमनाथ में पुरातत्व का अध्ययन करने का सुझाव दिया था. उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए भी सोमनाथ मंदिर और इसके आसपास के क्षेत्र के लिए बहुत से विकास के काम किये थे. पीएम मोदी के उक्त सुझाव के दौरान आईआईटी गांधीनगर और पुरातत्व विभाग ने इतिहास के पन्नों को पलट कर कई रहस्यमयी जानकारी सोमनाथ ट्रस्ट को दी है.

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सोमनाथ ट्रस्ट को होगा पूरा लाभ

आपको बता दें कि IIT गांधीनगर के जरिए यह रिपोर्ट सोमनाथ ट्रस्ट को दी गई. सोमनाथ मंदिर के मैनेजर विजय चावडा का कहना है कि इस रिपोर्ट को हासिल करने का मकसद सोमनाथ के इतिहास को खंगालना था.

इस रिपोर्ट में सोमनाथ और प्रभास पाटन के कुल 4 इलाकों में जीपीआर इन्वेस्टिगेशन किया गया जिसमें गोलोकधाम, सोमनाथ मंदिर के दिग्विजय द्वार से पहचाने जाने वाले मेन गेट से सरदार वल्लभभाई पटेल की स्टैच्यू के आसपास की जगह के साथ ही बौद्ध गुफा को भी शामिल किया गया.

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