नई दिल्लीः प्रधानमंत्री मोदी के दिए गए मंत्र आत्मनिर्भर भारत से देश आत्मनिर्भरता के सार्थक कदम की ओर बढ़ रहा है. इसका प्रभाव ऐसा हुआ है कि लोकल स्तर पर और छोटे पैमाने पर भी वानिकी से जुड़े लोग अपने कार्यों को उद्योग की तरह विकसित कर पा रहे हैं.
केंद्र सरकार तमाम छोटे-बड़े उद्योग, खेती-बाड़ी और नवाचारों को बढ़ावा दे रही है. ऐसे ही उद्योग-धंधों और किसानों की आमदनी से जुड़ी एक और खास योजना है राष्ट्रीय बांस मिशन (National Bamboo Mission).
नौ राज्यों में 22 बांस क्लस्टर बनाए गए
इस योजना के तहत, केंद्र सरकार का रुख देश में बांस की पैदावार बढ़ाने और बांस आधारित उद्योग-धंधों को गति देने पर केंद्रित है. इस कड़ी में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने नौ राज्यों में 22 बांस क्लस्टर (bamboo clusters) शुरू किए हैं.
उन्होंने कहा कि देश अब बांस उत्पादों (bamboo products) के निर्यात को बढ़ाने के लिए कमर कस रहा है. बांस के क्लस्टर की स्थापना मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा, असम, नागालैंड, त्रिपुरा, उत्तराखंड और कर्नाटक में की जाएगी.
प्रतियोगिता से चुना गया मिशन का लोगो
कृषि मंत्री ने राष्ट्रीय बांस मिशन (NBM) के लिए ‘लोगो’ (Logo) भी जारी किया. राष्ट्रीय बांस मिशन का लोगो तैयार करने के लिए mygov प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन प्रतियोगिता आयोजित की गई थी. देशभर से मिली 2033 एंट्री में से तेलंगाना के साईं राम गौडी एडिगी (Sai Ram Goudi Edigi) ने जो डिजाइन तैयार किया था, उसे चुना गया और उन्हें नगद पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
Agriculture Minister @nstomar launches 22 bamboo clusters in 9 States; Logo for National Bamboo Mission also released
Details here: https://t.co/pIwDPwIhVT pic.twitter.com/aqSjNBGgjU
— PIB India (@PIB_India) September 8, 2020
बांस को जंगल के पेड़ों की श्रेणी से हटाया
बुधवार को कृषि मंत्री ने कहा कि बांस की लोकल वैरायटी से स्थानीय कारीगरों को मिशन की ओर से दिया जा रहा समर्थन भी 'वोकल फॉर लोकल' (local for vocal) के लक्ष्य को साकार करेगा. उन्होंने कहा कि इससे किसानों की आमदनी (Farmers Income) बढ़ाने और कुछ कच्चे माल के आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी. .
उन्होंने कहा कि सरकार ने 2017 में भारतीय वन अधिनियम 1927 का संशोधन करके बांस को जंगल के पेड़ों की श्रेणी से हटा दिया है.
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