अमेरिका में शुरू होगी मिड डे मील जैसी योजना, छात्रों को स्कूलों में मिलेगा मुफ्त भोजन

अमेरिका के न्यू मैक्सिको की गवर्नर मिशेल लुज़न ग्रिशाम ने एक बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने सभी छात्रों को स्कूल में मुफ्त भोजन मुहैया कराने से जुड़े कानून पर सोमवार को हस्ताक्षर कर दिए हैं. 

Written by - Pramit Singh | Last Updated : Mar 28, 2023, 12:51 PM IST
  • 'मैक्सिको के लोगों को भविष्य में मिलेगा फायदा'
  • बजट में 2.2 करोड़ डॉलर राशि की गई निर्धारित
अमेरिका में शुरू होगी मिड डे मील जैसी योजना, छात्रों को स्कूलों में मिलेगा मुफ्त भोजन

नई दिल्लीः अमेरिका के न्यू मैक्सिको की गवर्नर मिशेल लुज़न ग्रिशाम ने एक बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने सभी छात्रों को स्कूल में मुफ्त भोजन मुहैया कराने से जुड़े कानून पर सोमवार को हस्ताक्षर कर दिए हैं. 

'मैक्सिको के लोगों को भविष्य में मिलेगा फायदा' 
वहीं, इस फैसले पर हस्ताक्षर के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी से ताल्लुक रखने वाली गवर्नर ने कहा, 'जब हम अपने बच्चों को पौष्टिक और बेहतर खाना खिलाते हैं, तो हम उनके साथ-साथ अपना भविष्य भी संवारते हैं और एक तरह से अपने भविष्य पर निवेश करते हैं. ऐसे में इस निवेश से न्यू मैक्सिको के लोगों को भविष्य में काफी फायदा मिलेगा.’

विधानमंडल ने दी मंजूरी
सरकार की ओर से यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब न्यू मैक्सिको समेत कई अन्य राज्य वैश्विक महामारी से लोगों के जीवन पर पड़े असर को कम करने के क्षेत्र में कई कदम उठा रहे हैं. हालिया 60-दिवसीय सत्र के दौरान इस विधेयक को विधानमंडल ने मंजूरी दी थी. 

बजट में 2.2 करोड़ डॉलर राशि की गई निर्धारित
वहीं, इस कार्यक्रम के लिए राज्य के बजट में 2.2 करोड़ डॉलर से अधिक की राशि निर्धारित की गई है. स्कूल के रसोईघर को बेहतर बनाने के लिए अतिरिक्त धन भी मुहैया कराया जाएगा, ताकि बच्चों के लिए स्वच्छ व स्वस्थ भोजन बनाया जाए. 

1995 में हुई थी मिड-डे मील योजना की शुरुआत
बता दें कि भारत में मिड-डे मील योजना की शुरुआत केंद्र सरकार की ओर से 15 अगस्त 1995 में की गई थी. इसे पौष्टिक आहार सहायता का राष्ट्रीय कार्यक्रम' भी कहा जाता है. इस योजना के तहत पूरे भारत के प्राथमिक और लघु माध्यमिक विद्यालयों के छात्रों को दोपहर का भोजन निशुल्क प्रदान किया जाता है.

25 बच्चों पर होता है एक रसोइया
मिड-डे मील की योजना में केन्द्र और राज्य सरकारें 75:25 के अनुपात में व्यय करती हैं. इस योजना के अंतर्गत सरकार भोजन के लिए खाद्य सामग्री जैसेः- गेहूं, चावल व अन्य पदार्थ उपलब्ध कराती है. भोजन कराने के लिए 25 बालकों पर एक रसोइया तथा एक सहायक. वहीं, 25 से अधिक बालकों पर 2 रसोइए तथा दो सहायकों की व्यवस्था है जो भोजन पकाने और बच्चों को खिलाने का काम करते हैं.

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