Maharana Pratap Death Anniversary: महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि आज, पढ़ें निडर और साहसी योद्धा के महान विचार

धर्म के लिए बलिदान देने वाले हिंदुस्तान के सबसे काबिल और निडर योद्धा महाराणा प्रताप की आज की पुण्यतिथि थी. वीर योद्धा महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 ईस्वी में राजस्थान के कुंभगढ़ में हुआ था. उन्हें केवल राजस्थान का ही नहीं बल्कि पूरी भारत का वीर सपूत कहा जाता है.

Written by - Ansh Raj | Last Updated : Jan 19, 2024, 09:08 AM IST
Maharana Pratap Death Anniversary: महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि आज, पढ़ें निडर और साहसी योद्धा के महान विचार

Maharana Pratap Death Anniversary:धर्म के लिए बलिदान देने वाले हिंदुस्तान के सबसे काबिल और निडर योद्धा महाराणा प्रताप की आज की पुण्यतिथि थी. वीर योद्धा महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 ईस्वी में राजस्थान के कुंभगढ़ में हुआ था. उन्हें केवल राजस्थान का ही नहीं बल्कि पूरी भारत का वीर सपूत कहा जाता है. महाराणा प्रताप के पिता का नाम उदय सिंह और माता का नाम महारानी जयवंता बाई था. महान राजपूत राजा महाराणा प्रताप का निधन 19 जनवरी 1597 को हुआ था. 

छोटी सी सेना से अकबर को दी मात...
महाराणा प्रताप की वीरता से जुड़े किस्सों से हर कोई वाकिफ है. हल्दी घाटी की लड़ाई के बारे में उनके किस्से भी देशभर में प्रचलित हैं. प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा में महाराणा प्रताप और मुगल शासक अकबर के बीच हुई लड़ाई के बारे में पढ़ाया जाता है. मेवाड़ में अकबर की अधीनता किसी भी कीमत पर महाराणा प्रताप को स्वीकार नहीं थी. इसी को लेकर युद्ध हो गया. अपनी छोटी सी सेना से ही महाराणा प्रताप ने अकबर की विशाल सेना को मात देकर यह युद्ध जीत लिया था. आज हम इस आर्टिकल में नजर डालेंगे ऐसे हिंदी कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस और फोटोज, जिन्हें आप अपने साथियों को भेजकर उन्हें नमन कर सकते हैं.

महाराणा प्रताप के विचार...

-सूरज का तेज भी फीका पड़ता था,
जब राणा तू अपना मस्तक ऊंचा करता था,
थी राणा तुझमें कोई बात निराली,
इसलिए अकबर भी तुझसे डरता था.
महाराणा प्रताप को शत-शत नमन

-राष्ट्र और धर्म की रक्षा हेतु,
अपना जीवन अर्पण करने वाले,
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि पर,
उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि...
महाराणा प्रताप को शत-शत नमन

-जो लोग अत्यंत विकट परिस्थिति में झुकते नहीं हैं
और हार भी नहीं मानते हैं वो लोग हारकर भी जीत जाते हैं

-एक शासक का पहला कर्तव्य अपने राज्य का गौरव
और मान-सम्मान बचाने का होता है

-अपने अच्छे समय में अपने कर्म को इतना मजबूत बना लो कि
कि बुरा वक्त आए तो वो भी अच्छा बन जाएअपने अच्छे समय में अपने कर्म को इतना मजबूत बना लो कि
कि बुरा वक्त आए तो वो भी अच्छा बन जाए

-अपनी कीमती जिंदगी को सुख और आराम
से जिंदगी बनाकर नष्ट करने से अच्छा है कि
आप उसे मानवता और राष्ट की सेवा में लगा दो

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