नई दिल्ली: भारतीय रेलवे के 1905 से चली आ रही रेलवे व्यवस्था में बड़ा बदलाव करने के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार दिख रही है. फिलहाल रेलवे बोर्ड में 8 सदस्य हैं जो अपनी-अपनी सर्विस सेक्टर का प्रतिनिधित्व करते हैं. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को फर्स्ट एमंग इक्वल्स कहा जाता है और यह 1905 से ही चला आ रहा है. लेकिन अब इसमें बड़ा बदलाव करते हुए 8 सदस्यों की जगह नए बोर्ड में 5 मेंबर को शामिल किया जाएगा. और इस 5 मेंबर की कमिटी में चेयरपर्सन भी शामिल होगें.
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क्या बदलाव किया जा रहा है न्यू रेलवे कमिटी में
रेलवे मैनेजमेंट सर्विस को देखते हुए एकीकृत सिस्टम पर काम किया जाएगा. नए बोर्ड में ऑपरेशन, बिजनेस डिवेलपमेंट, ह्यूमेन रिसोर्सेज, इन्फ्रास्ट्रक्चर और फाइनैंस से जुड़े मेंबर होंगे. यह प्रस्ताव कुछ दिनों पहले ही रेलवे बोर्ड को सरकार की ओर से गठित कमिटी ने पेश किया था. क्योंकि सरकार का मानना है कि बोर्ड की शाखा अलग-अलग रखने से तालमेल सही तरीके से नहीं हो पाता है लेकिन इस बदलाव के बाद रेलवे में योजनाओं के क्रियान्वयन में बाधाएं नहीं आएगी.
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चेयरमैन के अलावा 4 सदस्य भी होंगे जो फाइनैंस, ऑपरेशंस ऐंड बिजनस डिवेलपमेंट, इन्फ्रास्ट्रक्चर और रोलिंग स्टॉक पोर्टफोलियो का काम देखेंगे. इनके अलावा एक ह्यूमन रिसोर्स का डायरेक्टर जनरल होगा जो चेयरमैन व सीईओ को रिपोर्ट पेश करेगा. बोर्ड में कुछ इंडिपेंडेंट मेंबर भी होंगे जो फाइनैंस, इंडस्ट्री और मैनेजमेंट के क्षेत्र के जाने-माने हैं. रेलवे बोर्ड अब बहुत हद तक कॉर्पोरेट कंपनी के बोर्ड की तरह ही काम करेगा.