दवाओं का गलत प्रचार करने वाली कंपनियों पर सरकार की सख्ती

स्वास्थय कानून मंत्रालय ने दवाओं के गलत प्रचार पर रोक लगाने के लिए नए कानून लाने का विचार कर लिया है और जल्द ही यह कानून लागू कर दिया जाएगा. पहले यह कानून सिर्फ अखबारों में स्वास्थ्य से जुड़े गलत दावे करने वाली कंपनियों पर रोक लगात थे जबकि टीवी या इंटरनेट पर गलत दावों की समस्या से निपटने के लिए कानून में कोई प्रावधान नहीं हैं. इसे देखते ही मौजूदा कानूनों में संशोधन करना ही होगा.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 25, 2019, 01:04 PM IST
    • जल्द लागू किया जाएगा दवा कंपनियों के लिए नए कानून
    • लोगों के स्वास्थ पर पड़ रहे हानिकारक प्रभाव को देखते हुए कानून में किया जा रहा संसोधन
दवाओं का गलत प्रचार करने वाली कंपनियों पर सरकार की सख्ती

नई दिल्ली: किसी भी दवा के असर को अत्यधिक प्रभावशाली बताकर मार्केटिंग करना पड़ सकता है मंहगा. केंद्र सरकार ने अपने कुछ कानूनों में बदलाव किया है जिसके अनुसार अब दवाओं को बढ़ा-चढ़ाकर प्रचार करने वाली कंपनियों को जुर्माना देना पड़ सकता है. 

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क्यों उठाने जा रही हैं सरकार यह कदम

इसका विशेष प्रभाव पड़ेगा फार्मास्युटिकल्स कंपनियों पर जो अपनी दवाओं के जरिए लोगों को गलत सूचना देते हैं. चाहे वो गोरेपन से जुड़ा हुआ हो या स्तन के आकार या संरचना से या मोटापे को कम करने को लेकर ग्राहक को भ्रमित कर प्रोडक्ट का प्रचार करना. यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से दी गई है. मंत्रालय ने बताया कि कानून तो अभी भी बनी हुई है जो ग्राहकों को गलत सूचना देकर भ्रमित करने से रोकने के लिए है लेकिन वह भ्रामक दावे करने से मेडिकल कंपनियों को पूर्णरूप से रोकने में असर्मथ साबित हो रही है जिसे देखते हुए कानून में संसोधन किया गया है. क्योंकि अभी तो बढ़ा-चढ़ाकर सूचना देने वाली कंपनियों को मात्र 500 रुपये का जुर्माना देना पड़ता है लेकिन अब कानून कड़ा कदम उठाने को तैयार है.

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क्या कदम उठाएगी सरकार

स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह कदम लोगों के स्वास्थ पर पड़ रहे इसके प्रभाव को देखते हुए उठाया है. ऐसी कंपनियों को भ्रामक विज्ञापन देने से रोकने के लिए उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने, शीर्ष मैनेजरों को जेल भेजने और ऐसी कंपनियों पर भारी जुर्माना लगाने की सिफारिशें की जा सकती हैं. इसके अलावा ड्रग्स ऐंड कॉस्मेटिक्स रूल्स 1945 के शेड्यूल J में शामिल बीमारियों के लिए विज्ञापन देने वाली कंपनियों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई पर विचार की जा रही है. सूची में कैंसर, भ्रूण के लिंग का परिवर्तन, त्वचा को गोरा करना, यौन सुख के लिए इंसान की क्षमता बढ़ाने, शीघ्रपतन, यौन नपुंसकता, बालों के समय से पहले सफेद होने, स्तन के रूप और संरचना में बदलाव और दोबारा युवा बनाने की शक्ति जैसे दावे शामिल हैं.

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