नई दिल्लीः Old Pension Scheme updates: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मंगलवार को कहा कि पुरानी पेंशन योजना के खिलाफ उनका पहले का रुख बदल गया है और वह इस पर सकारात्मक रूप से पुनर्विचार करेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वेतन, पेंशन राशि और राज्य के वित्त पर इसके बोझ के बीच संतुलन बनाना चाहती है.
OPS पर मुख्यमंत्री के साथ कर चुके हैं चर्चा
अजित पवार ने नागपुर में कहा कि वह, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से पुरानी पेंशन योजना (OPS) के मुद्दे पर पहले ही प्राथमिक चर्चा कर चुके हैं. महाराष्ट्र में कई सरकारी और अर्ध-सरकारी कर्मचारी OPS की बहाली की मांग कर रहे हैं, जिसे 2005 में राज्य में बंद कर दिया गया था.
वेतन के 50 फीसदी के बराबर मिलता है पेंशन
बता दें कि OPS के तहत सरकारी कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर मासिक पेंशन मिलती थी. कर्मचारियों द्वारा अंशदान की कोई आवश्यकता नहीं थी. वहीं, नई पेंशन योजना के तहत राज्य सरकार का कर्मचारी अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का दस प्रतिशत योगदान देता है और राज्य भी उतना ही योगदान करता है.
'केंद्र सरकार गंभीरता से कर रही है काम'
अजित पवार ने कहा, 'देवेंद्र फडणवीस ने OPS के प्रति अपना विरोध जताया था. जब मैं पहले राज्य का वित्त मंत्री था तो मैंने भी एक सत्र के दौरान ऐसी ही बातें कही थीं लेकिन मेरी जानकारी के अनुसार, केंद्र इस लंबित मुद्दे को हल करने के बारे में सोच रहा है, जिससे लोगों को आर्थिक रूप से लाभ मिलेगा. केंद्र सरकार आगामी लोकसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे पर गंभीरता से काम कर रही है.’
'पात्र लोगों को 2021 से मिलेगा वित्तीय लाभ'
उन्होंने कहा कि पात्र लोगों को वर्ष 2021 से वित्तीय लाभ मिलेगा. पवार ने कहा, 'मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मैं पहले ही OPS के मुद्दे पर प्राथमिक चर्चा कर चुके हैं. हम वेतन, पेंशन राशि और राजकोष पर इसके बोझ के बीच संतुलन बनाना चाहते हैं.'
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