नौकरियों में आरक्षण 60% से बढ़कर 77% हुआ, इस राज्य में विधेयक पारित

विधेयक में कहा गया है कि राज्य संविधान की नौवीं अनुसूची में बदलाव करने का केन्द्र से आग्रह करेगा. एससी, एसटी, ईबीसी, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर तबके (ईडब्लयूएस) के लिए सरकारी नौकरियों में यह आरक्षण लागू होगा. भाजपा ने भी इसका समर्थन किया है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 11, 2022, 02:26 PM IST
  • आरक्षण अधिनियम, 2001 में एक संशोधन पारित
  • झारखंड में कुल आरक्षण में 17 फीसद का इजाफा
नौकरियों में आरक्षण 60% से बढ़कर 77% हुआ, इस राज्य में विधेयक पारित

रांची: झारखंड विधानसभा ने विभिन्न श्रेणियों में दिए जाने वाले कुल आरक्षण को बढ़ाकर 77 फीदसदी करने संबंधी एक विधेयक शुक्रवार को पारित किया. विधानसभा के विशेष सत्र में झारखंड पदों और सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण अधिनियम, 2001 में एक संशोधन पारित किया गया. भाजपा ने भी इसका समर्थन किया है. 

स्थानीयता नीति निर्धारण विधेयक भी पास
झारखंड की स्थानीयता नीति निर्धारण करने संबंधित विधेयक पारित हो चुका है. अब 1932 या उसके पहले जिनका या जिनके पूर्वजों का नाम है वे स्थानीय होगें. वहीं तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की सरकारी नौकरी सिर्फ स्थानीय को मिलेगी. जो लोग भूमिहीन है उन्हें ग्रामसभा की ओर से चिह्निंत किया जाएगा. 

आरक्षण में 17 फीसद का इजाफा
इस विधेयक के पारित होने के साथ ही झारखंड में एससी, एसटी, ईबीसी, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर तबके (ईडब्लयूएस) के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण 60 प्रतिशत से बढ़ा कर 77 फीसदी कर दिया है. विधेयक में कहा गया है कि राज्य संविधान की नौवीं अनुसूची में बदलाव करने का केन्द्र से आग्रह करेगा. 

ये भी पढ़ेंः   पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार: मंत्री और उनकी बेटी ने 5 बार जीती लाखों-करोड़ों की लॉटरी, सीबीआई करेगी जांच

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

 

ट्रेंडिंग न्यूज़