जानें क्या है डिजिटल रुपया जिसकी आज से शुरुआत करेगा RBI, कैश पर कैसे डालेगा असर

RBI to Launch E-Rupee: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर डिजिटल रूपये की शुरुआत करने जा रहा है, आइये एक नजर इसके फायदे और फीचर्स पर डालते हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 1, 2022, 11:06 AM IST
  • 9 बैंकों को इस प्रोजेक्ट से जोड़ा गया
  • जानें क्या है डिजिटल रुपये के फायदे
जानें क्या है डिजिटल रुपया जिसकी आज से शुरुआत करेगा RBI, कैश पर कैसे डालेगा असर

RBI to Launch E-Rupee: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पिछले महीने एक बहुमुखी प्रोजेक्ट डिजिटल रूपये (E-Rupee) को जल्द से जल्द शुरू करने का ऐलान किया था जिसकी शुरुआत आज (एक नवंबर) से होने जा रही है. आरबीआई इसकी शुरुआत एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर करने जा रहा है, जिसके सफल होने के बाद इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने पर भी विचार किया जा सकता है. 1 नवंबर से शुरू होने वाले इस प्रोजेक्ट के तहत आरबीआई होलसेल ट्रांजैक्शन के लिए डिजिटल रूपये की शुरुआत करेगा. 

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का मानना है कि डिजिटल करेंसी की शुरुआत से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और लोगों के बीच ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को पहुंचने में मदद मिलेगी. साथ ही घर पर पैसे की जमाखोरी करने वालों से भी छुटकारा मिलेगा.

9 बैंकों को इस प्रोजेक्ट से जोड़ा गया

आरबीआई ने इस प्रोजेक्ट के शुरुआती दौर के लिये  स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB), यूनियन बैंक, HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC बैंक समेत कुल 9 बैंकों को जोड़ा है. डिजिटल रूपी का इस्तेमाल सरकारी सिक्टोरिटीज के सेटलमेंट के लिए होगा.

जानें क्या है डिजिटल रुपये के फायदे

आरबीआई की ओर से डिजिटल करेंसी शुरू करने से सरकार और लोगों के बीच बिजनेस करने में काफी आसानी हो जाएगी, जिसका फायदा लोगों की जेब पर होगा. डिजिटल करेंसी को आप मोबाइल वॉलेट में रख सकेंगे और नकद की तरह ही इस्तेमाल किया जा सकेगा. इसे आरबीआई की तरफ से मान्यता होगी तो इसके बाद आपको कैश रखने की जरूरत नहीं होगी. आरबीआई का डिजिटल रुपये के सर्कुलेशन पर पूरा कंट्रोल होगा जिसकी वजह से सरकार के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत कम हो जाएगी, इसके चलते कर की दरों में कटौती देखने को मिल सकती है. 

डिजिटल रुपया एक विकल्प न कि नकद को खत्म करने का जरिया

आरबीआई ने डिजिटल रुपये के बारे में जानकारी देते हुए साफ किया था कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) की ओर से शुरू की जा रही इस पहल का उद्देश्य करेंसी के मौजूदा रूप को बदलना नहीं है बल्कि डिजिटल करेंसी के रूप में अतिरिक्त ऑप्शन देना है. इसका मतलब है कि मौजूदा समय में जारी सभी माध्यम ऐसे ही बने रहेंगे.

सालाना बजट में लाने का किया गया था ऐलान

गौरतलब है कि सरकार ने पहले ही इस योजना का ऐलान सालाना बजट के दौरान किया था जिसमें साफ किया गया था कि सरकार CBDC केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए नोटों को एक डिजिटल रूप देने की तैयारी कर रही है. दुनिया भर के ज्यादातर बैंक इस तरीके को अपनाने पर विचार कर रहे हैं और भारत सरकार ने सालाना बजट 2022-23 में इसे पेश करने का ऐलान किया था.

आरबीआई ने पहले ही साफ कर दिया है कि पायलट प्रोजेक्ट में जैसे-जैसे बदलाव आयेगा हम  E-Rupee से जुड़े फीचर्स और फायदे आम लोगों तक पहुंचाते रहेंगे. रिजर्व बैंक की ओर से लोगों के बीच सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए एक कॉन्सेप्ट नोट जारी किया गया है.

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