2019 के हांगकांग प्रदर्शन, लोकतंत्र समर्थकों को 14 से 18 माह की सजा

लोकतंत्र समर्थक समाचारपत्र ‘द एपल डेली’ के संस्थापक लाई (73) को 14 महीने की सजा सुनाई गई है. वह पहले ही 2019 में गैरकानूनी तरीके से रैली करने के एक मामले में 14 महीने की सजा काट रहे हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 28, 2021, 04:02 PM IST
  • जून 2019 में प्रत्यर्पण बिल के विरोध में हांगकॉग में हुए थे प्रदर्शन
  • जल्द ही इसने लोकतंत्र समर्थक आंदोलन का रूप ले लिया था
2019 के हांगकांग प्रदर्शन, लोकतंत्र समर्थकों को 14 से 18 माह की सजा

नई दिल्लीः हांगकांग में लोकतंत्र के बड़े समर्थक एवं दिग्गज मीडिया कर्मी जिमी लाई को 2019 में सरकार विरोधी प्रदर्शन में उनकी संलिप्तता के मामले में शुक्रवार को 14 महीने की सजा दी गई है. लाई और नौ अन्य पर एक अक्टूबर 2019 को हुए प्रदर्शन में संलिप्तता का आरोप है. उस प्रदर्शन में हजारों लोग सड़कों पर उतरे थे. 1997 में ब्रिटेन से आजाद होकर चीन के नियंत्रण में आने के बाद हांगकांग में हुआ यह सबसे बड़ा प्रदर्शन था.

पहले से काट रहे 14 माह की सजा
लोकतंत्र समर्थक समाचारपत्र ‘द एपल डेली’ के संस्थापक लाई (73) को 14 महीने की सजा सुनाई गई है. वह पहले ही 2019 में गैरकानूनी तरीके से रैली करने के एक मामले में 14 महीने की सजा काट रहे हैं.

दोनों मामलों की सजा मिलाकर लाई को कुल 20 महीने जेल में रहना होगा. लाई के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के उल्लंघन और किसी दूसरे देश के साथ मिलीभगत के एक मामले में भी जांच जारी है.

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कई अन्य को भी दी गई सजा
इसके अलावा अन्य नौ में से पूर्व सांसद अल्बर्ट हो तथा लेउंग क्वोक-हंग, ली चुक यान को 18-18 महीने की सजा हुई है. शहर में विरोध रैलियों के आयोजन के लिए जाने जाने वाले एक राजनीतिक संगठन के प्रमुख फिगो चान को भी 18 महीने की कैद सजा सुनाई गई है.

इनके अलावा, अन्य तीन कार्यकर्ताओं यिउंग सुम, स्याड हो तथा एवरी एनजी को 14-14 महीने की सजा मिली है. वहीं, रिचर्ड त्सोई और सिन चुंग-काई की सजा निलंबित कर दी गई है.

प्रत्यर्पण बिल के विरोध में शुरू हुआ था प्रदर्शन
चीन के हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र (एचकेएसएआर) में चल रहा विरोध प्रदर्शन जून 2019 में प्रत्यर्पण बिल के विरोध के रूप में शुरू हुआ था. फिर जल्द ही इसने लोकतंत्र समर्थक आंदोलन का रूप ले लिया. प्रत्यर्पण विधेयक या भगोड़ा अपराधी एवं आपराधिक मामलों के कानून में पारस्परिक कानूनी सहायता (संशोधन) विधेयक को हांगकांग सरकार ने फरवरी 2019 में प्रस्तावित किया था.

प्रस्तावित विधेयक में ताइवान, मकाऊ और मुख्यभूमि चीन में भगोड़ों के प्रत्यर्पण की अनुमति दी गई थी. बिल के विरोध में विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ, जिसे मुख्य रूप से हांगकांग पर बीजिंग के बढ़ते प्रभाव के रूप में देखा गया.

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