दोबारा हुई अमेरिका - ईरान के बीच तनातनी की शुरुआत

डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के सबसे बड़े नेता खमनेई पर आँखें तरेरीं.. कहा जुबान सम्हाल कर बात करो   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 18, 2020, 03:50 PM IST
    • ट्रम्प ने खमनेई से कहा संभालिए जुबान !
    • खामनेई ने अमरीका के खिलाफ कड़वी बातें कही थीं
    • जुम्मे के बाद की तहरीर में खमनेई ने दिया था बयान
दोबारा हुई अमेरिका - ईरान के बीच तनातनी की शुरुआत

नई दिल्ली. दुनिया अभी सम्हली ही थी और राहत की सांस ही ली थी कि फिर ईरान और अमेरिका के बीच गरमा-गरमी की शुरुआत फिर होने लगी. सबको लगा था कि अब सब शान्ति-शांति है, विश्व युद्ध नहीं होगा  लेकिन डोनाल्ड ट्रम्प को शायद शान्ति रास नहीं आती. और जान लीजिये अगर कभी दुर्भाग्य से विश्व युद्ध हुआ तो इसकी वजह डोनाल्ड ट्रम्प की अकड़ होने की आशंका अधिक है.

क्या कहा था खमनेई ने 

दरअसल एकतरफ़ा ट्रम्प को दोष देना भी सही नहीं होगा. अभी पिछले कुछ दिनों से ईरान के सर्वोच्च नेता खमनेई भी अमरीका विरोध की बयानबाज़ी किये जा रहे हैं. जब ट्रम्प को सहन नहीं हुआ तो  उन्होंने भी पलटवार कर दिया. हुए ये था कि अभी हाल में खमनेई ने अपने देश में दिए एक भाषण में यूक्रेन के यात्री विमान को गलती से मार गिराने के लिए अपनी सेना की तरफ से सफाई पेश की थी. इसी दौरान उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप को लेकर कुछ चुभने वाली बातें भी कह दी थीं. 

ट्रम्प ने किया गुस्से का ट्वीट 

डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने गुस्से का इजहार अपने ट्वीट के माध्यम से किया. अमरीकी राष्ट्रपति ने अपने ट्वीट में लिखा कि ''खमनेई अब ईरान के स्वयंभू नेता हो सकते हैं पर सर्वोच्च नेता अब वे नहीं रहे. खमनेई  अमरीका और यूरोप के बारे में कुछ ओछी बातें कह रहे हैं जबकि दूसरी तरफ उनके देश की आर्थिक स्थिति की दुर्दशा हो रही है और उनके देश के लोग संकट में हैं. इसलिए बेहतर हो कि वे अपनी बात कहने से पहले उस पर विचार कर लें.'' 

जुम्मे की नमाज़ के बाद हुई खमनेई की तहरीर 

कल जुम्मा था जो दुनिया में किसी भी देश के लिए संवेदनशील होता है जहां पर मुस्लिम रह रहे होते हैं. जुम्मे की नमाज़ के बाद होने वाली तहरीरों में अक्सर भड़काऊ बयानबाज़ी भी होती है जो उस देश की शान्ति को भंग कर सकती है. कल खमनेई ने भी ईरान की राजधानी तेहरान में नमाज के बाद तहरीर पेश की जिसमें उन्होंने न केवल अपनी सेना का बचाव किया बल्कि ईरान के लिए समर्थन जुटाने की कोशिश भी की. 

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